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पंजाब और हरियाणा में निकलती है लगभग 30 मिलियन टन पराली Ludhiana News

पीएयू में धान की पराली के प्रबंधन को लेकर वैज्ञानिकों व माहिरों के शिष्टमंडल ने दौरा किया।

By Edited By: Published: Sat, 09 Nov 2019 06:30 AM (IST)Updated: Sat, 09 Nov 2019 06:30 AM (IST)
पंजाब और हरियाणा में निकलती है लगभग 30 मिलियन टन पराली Ludhiana News
पंजाब और हरियाणा में निकलती है लगभग 30 मिलियन टन पराली Ludhiana News

लुधियाना, जेएनएन। पंजाब कृषि विश्वविद्यालय में धान की पराली के प्रबंधन को लेकर मध्य व दक्षिण एशिया मिशन के वैज्ञानिकों व माहिरों के शिष्टमंडल ने दौरा किया। एशिया व पौष्टिक के लिए यूनाइटेड इकोनॉमिक व सोशल कमीशन के निरंतर खेती मशीनरीकरण के लिए केंद्र व भारतीय खोज परिषद द्वारा आयोजित इस दो दिवसीय दौरे में कंबोडिया, चीन, नेपाल व वीयतनाम के खेतीबाड़ी, वन, मछली पालन, पशु धन व ग्रामीण विकास मंत्रालय के अधिकारी शामिल हैं।

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अधिकारियों ने पराली प्रबंधन को लेकर पीएयू के माहिरों के साथ मीटिंग की, जिसमें एआइसीआरपी, आइसीएआरसीआइएई भोपाल के प्रोजेक्ट को-ऑर्डिनेटर डॉ. सीआर मेहता ने पराली प्रबंधन को दक्षिणी एशिया का मुख्य मुद्दा मानते हुए कहा कि पंजाब व हरियाणा में लगभग 30 मिलियन टन पराली निकलती है। सरकार द्वारा उपलब्ध करवाई जा रही सुविधाएं व मशीनरी से केवल 40 प्रतिशत पराली का प्रबंधन किया जा सकता है। ऐसे में अभी भी उचित प्रबंधन की जरूरत है। उन्होंने कहा कि पराली प्रबंधन को लेकर अभी बहुत कुछ करने की जरूरत है। इसमें सभी को मिलकर प्रयास करने होंगे। ऐसी किस्मों को विकसित करना होगा, जिससे पराली कम पैदा हो।

पीएयू के निदेशक प्रसार शिक्षा डॉ. जसकरण सिंह माहल ने कहा कि धान की पराली का प्रबंधन एशियन देशों का सबसे बड़ा मसला है। पीएयू की ओर से पराली प्रबंधन को लेकर कई तरह की मशीनरी व शोध की गई है। बता दें कि पीएयू की तरफ से भी कई गांवों में अभियान चलाकर किसानों को जागरूक किया जाता है कि वे पराली को न जलाएं। पराली को खेतों में ही जोतें।

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