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4जी के जमाने में पढ़ाई 2जी जैसी

कोरोना के तेजी से फैलने के कारण जनजीवन के साथ साथ शिक्षा भी बुरी तरह से प्रभावित हो रही है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 20 Jul 2020 05:00 AM (IST)Updated: Mon, 20 Jul 2020 05:00 AM (IST)
4जी के जमाने में पढ़ाई 2जी जैसी
4जी के जमाने में पढ़ाई 2जी जैसी

बिदु उप्पल, जगराओं

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कोरोना के तेजी से फैलने के कारण जनजीवन के साथ साथ शिक्षा भी बुरी तरह से प्रभावित हो रही है। इसके कारण सभी शिक्षण संस्थान मार्च से बंद हैं। ऐसे में विद्यार्थियों की पढ़ाई खराब न हो, इसके लिए प्रदेश सरकार ने विश्वविद्यालयों, कॉलेजों व स्कूलों को ऑनलाइन शिक्षा जारी करने के निर्देश दिए थे। इसका सभी शिक्षण संस्थानों में पूरी तरह से पालन हो रहा है। वहीं ऑनलाइन कक्षाएं लगाने के लिए कई जरूरतमंद बच्चों के पास स्मार्ट फोन नहीं है, क्योंकि उनके घर के हालात काफी खराब है और अभिभावक इतना खर्च वहन नहीं कर सकते। दूसरी ओर, जो बच्चे ऑनलाइन पढ़ाई कर रहे हैं, उनको सबसे ज्यादा परेशानी इंटरनेट कनेक्शन की आ रही हैं, क्योंकि स्पीड कम होने से वह अध्यापकों से ऑनलाइन संपर्क नहीं कर पा रहे हैं। इसके चलते पढ़ाई करने में दिक्कतें आ रही हैं। इसी तरह मोबाइल रिचार्ज भी अभिभावकों के खर्च को बढ़ा रहा है। महंगे प्लान लेने के बावजूद बच्चों को समय पर इंटरनेट स्पीड नहीं मिल रही है जिसके चलते वह शिक्षकों से शिक्षा लेने में असमर्थ सा महसूस कर रहे हैं।

होमवर्क के लिए बारी का करती हूं इंतजार

गांव अगवाड़ के सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल ग‌र्ल्स की 11वीं कक्षा की छात्रा रजनी ने कहा, कोरोना काल में स्कूल चार माह से बंद है। इसके कारण ऑनलाइन कक्षाएं लगा रही है। माता-पिता दिहाड़ीदार है, फिर भी उन्होंने मेरी पढ़ाई के लिए स्मार्टफोन खरीदा। हम चार भाई बहन है। ऐसे में महंगाई में एक फोन ही खरीद सकते हैं। इसके चलते मोबाइल पर होमवर्क के लिए बारी का इंतजार करना पड़ता है। कई बार इंटरनेट रेंज न मिलने से होमवर्क करने में दिक्कत आती है।

सुविधा का कम ही लाभ

जीएचजी कॉलेज ऑफ एजुकेशन गांव मानूके की छात्रा हरप्रीत कौर ने कहा, रेगुलर ऑनलाइन कक्षाएं लगती है। गांव में इंटरनेट व वाई-फाई की सुविधाएं तो हैं, लेकिन कई बार कनेक्शन कटने से ऑनलाइन कक्षाएं मिस होती हैं।

बड़े प्रश्न हल करने में दिक्कतें

जीएचजी कॉलेज ऑफ एजुकेशन गांव लोइयां की छात्रा गुरमीत कौर भी इंटरनेट की कम स्पीड से काफी परेशान है। वह बताती है कि ऑनलाइन क्लास अटेंड कर सिलेबस तो पूरा कर लिया, लेकिन अधिक मेहनत करनी पड़ती है। ऑनलाइन में लघु सवाल करने का अभ्यास तो ठीक है पर बड़े प्रश्नों को हल करने में दिक्कत आती है।

गरीब तबके के बच्चे ज्यादा हैं परेशान

गुरु गोबिद सिंह खालसा कॉलेज ग‌र्ल्स कमालपुरा के प्रिंसिपल बलवंत सिंह ने कहा कि कोरोना महामारी में शिक्षण संस्थान बंद होने से पढ़ाई का नुकसान तो जरूर हो रहा है, लेकिन ऑनलाइन पढ़ाई करवाई जा रही है। लेबर क्लास व गरीब परिवारों के बच्चों को पढ़ाई का नुकसान हो रहा है चाहे उनके घरों में स्माटफोर्न है या नहीं वो मां-बाप से किसी भी प्रकार की मदद लेने में असमर्थ होते हैं। कई बार इंटरनेट व वाईफाई जैसी घरो में सुविधाएं न मिलने से बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होती है।


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