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Street Light Scam : अब कैप्टन संधू को घेरने की तैयारी में विजिलेंस, बीडीपीओ व ब्लाक समिति अध्यक्ष के बाद ग्रामीण विकास अधिकारी भी गिरफ्तार

विजिलेंस ब्यूरो अब कांग्रेस के एक और बड़े नेता की घेराबंदी करने में जुटा हुआ है। विजिलेंस ने इस मामले में मंगलवार को दो अधिकारियों को गिरफ्तार किया था जिसके बाद बुधवार को ग्रामीण विकास अधिकारी तेजा सिंह को गिरफ्तार किया गया है।

By Dilbag SinghEdited By: Vinay kumarPublished: Wed, 28 Sep 2022 10:35 PM (IST)Updated: Wed, 28 Sep 2022 10:35 PM (IST)
Street Light Scam : अब कैप्टन संधू को घेरने की तैयारी में विजिलेंस, बीडीपीओ व ब्लाक समिति अध्यक्ष के बाद ग्रामीण विकास अधिकारी भी गिरफ्तार
Street Light Scam : विजिलेंस अब कैप्टन संधू को घेरने की तैयारी में है।

दिलबाग दानिश, लुधियाना : विजिलेंस ब्यूरो अब कांग्रेस के एक और बड़े नेता की घेराबंदी करने में जुटा हुआ है। सूत्रों की मानें तो 65 लाख के स्ट्रीट लाइट घोटाले में जल्द ही कैप्टन संदीप संधू को किसी भी समय नामजद किया जा सकता है। विजिलेंस ने इस मामले में मंगलवार को दो अधिकारियों को गिरफ्तार किया था, जिसके बाद बुधवार को  ग्रामीण विकास अधिकारी तेजा सिंह को गिरफ्तार किया गया है। ये तीनों ही संधू के नजदीकी हैं और बताया जा रहा है कि इन्हीं के सहारे विजिलेंस संदीप संधू तक पहुंचने का प्रयास कर रही है। 

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इससे पहले विजिलेंज ने इंप्रूवमेंट ट्रस्ट में प्लाट आवंटन घोटाले में पूर्व चेयरमैन रमन बाला सुब्रामण्यम के खिलाफ केस दर्ज किया था और फिर अनाज ढुलाई घोटाले में पूर्व मंत्री भारत भूषण आशु को गिरफ्तार किया है। इस प्रकार अब कांग्रेस के तीसरे बड़े नेता के खिलाफ विजिलेंस जांच चल रही है। विजिलेंस के हाथ में कई अहम सबूत भी लग गए हैं और इसके आधार पर कार्रवाई हो सकती है।

सिधवां बेट बलाक के 26 गांवों में स्ट्रीट लाइट लगाने के लिए 65 लाख रुपये जारी हुए थे। आरोप है कि बीडीपीओ सतविंदर सिंह ने अमर इलेक्ट्रिकल इंटरप्राइजेज के मालिक गौरव शर्मा के साथ मिलीभगत से गबन करने के लिए 3,325 रुपये के दाम वाली लाइटों को 7,288 रुपये प्रति लाइट की दर से खरीदी थीं। इसका भुगतान भी कर दिया गया, मगर गांवों में लाइटें लगी ही नहीं। यही नहीं, बिना लाइट लगाए ही काम होने का सर्टीफिकेट भी दे दिया था। विजिलेंस की तरफ से इस मामले में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मंगलवार को बीडीपीओ सतविंदर सिंह कंग, गौरव शर्मा व ब्लाक समिति अध्यक्ष लखविंदर सिंह को नामजद किया था।

इनमें से सतविंदर सिंह व लखविंदर सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया था। बुधवार को दोनों को अदालत में पेश किया गया, जहां से इन्हें तीन दिन के पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया। बताया जा रहा है कि ब्लाक समिति अध्यक्ष लखविंदर सिंह ने अपने बयान में कैप्टन संधू का नाम लिया है। यही नहीं, बीडीपीओ द्वारा 21 जनवरी 2021 को लाइटें लगवाने संबंधी लिखे पत्र में संदीप संधू और उनके एक रिश्तेदार का नाम भी लिखा था।

संधू मुल्लांपुर से लड़े थे विधानसभा चुनाव

कांग्रेस नेता कैप्टन संदीप संधू को पार्टी ने विधानसभा चुनाव 2022 में हुए चुनाव में मुल्लांपुर दाखा से टिकट दिया था। हालांकि वे शिअद के उम्मीदवार मनप्रीत सिंह आयाली के हाथों पराजित हुए थे। इससे पहले वे पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के ओएसडी भी रहे हैं।

आरोपितों की बैंक खाते खंगाल रही विजिलेंस

विजिलेंस की तरफ से गिरफ्तार किए गए तीनों आरोपितों के घर पर जाकर जांच की गई है। इसके अलावा उनके बैंक खातों का भी रिकार्ड खंगाला जा रहा है। यही नहीं, विजिलेंस की तरफ से कांग्रेस नेता के बेहद नजदीकी लोगों की लिस्टें भी बनानी शुरू कर दी हैं। बताया जा रहा है कि विजिलेंस की तरफ से उक्त सभी नजदीकियों के बैंक खातों की भी जांच की जानी है ताकि उसमें हुई ट्रांसजेक्शनों से संदीप संधू का लिंक तलाशा जा सके।  

आशु की गिरफ्तारी के बाद से जुटाए जा रहे सबूत

विजिलेंस द्वारा अनाज ढुलाई मामले में मंत्री आशु की गिरफ्तारी के बाद कांग्रेसियों की तरफ से जिला परिषद कार्यालय में धरना दिया गया था। जब यह धरना प्रदर्शन चल रहा था, तभी से ही विजिलेंस विभाग कैप्टन संधू के खिलाफ सबूत जुटा रहा है। विजिलेंस की ओर से सभी 26 गांवों के सरपंचों से कांग्रेस कार्यकाल के दौरान हुए विकास कार्यों और आए फंड का हिसाब मांगा गया था और उनके बयान भी दर्ज किए गए जा रहे थे।

संधू ने कहा था, बदलाखोरी की राजनीति कर रही आप

बीते दिनों जब पूर्व मंत्री आशु को गिरफ्तार किया गया था तो कैप्टन संदीप संधू ने इसे बदलाखोरी की राजनीति बताया था। उन्होंने बकायदा प्रेस कांफ्रेंस कर आरोप लगाया था कि आप सरकार बेवजह कांग्रेस नेताओं को परेशान कर रही है और बेबुनियाद मामले दर्ज करवाए जा रहे हैं। हालांकि बुधवार को जब कैप्टन संधू से संपर्क करने की कोशिश की गई तो उनका फोन स्विच आफ आ रहा था। उन्हें संदेश भी भेजा गया, लेकिन उसका भी कोई जवाब नहीं आया।


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