Navratri 2022: लुधियाना में मां वैष्णो का विशेष मंदिर स्थापित, यहीं से देवी के दर्शन कर भक्त हो जाते हैं धन्य
Navratri 2022 शहर के बीचों बीच स्थित माता वैष्णो देवी स्वर्ण मंदिर की स्थापना 14 मार्च 1967 में महंत सेवक अमरनाथ द्वारा की गई। कुछ वर्षों बाद इस चौक का नाम 25 सिंतबर 1972 में माता वैष्णो देवी चौक रखा गया।
जागरण संवाददाता, लुधियाना। Navratri 2022: शहर के माता वैष्णो देवी स्वर्ण मंदिर में श्री पंचमुखी बालाजी दरबार, भगवान श्री कृष्ण जी का विराट स्वरूप और शिव परिवार यहां बनी गुफा में आसन लगाए बैठे हैं। महंत अमरनाथ ने इस मंदिर के लिए 39 वर्षों तक लगातार अपनी सेवाएं व योगदान दिया। उसके पश्चात उनकी गद्दी शिवराम कृष्ण ने संभाली।
मंदिर का इतिहास है पुराना
महंत शिवराम कृष्ण बताते हैं कि माता वैष्णो देवी जी की कृपा से महंत अमरनाथ जी को उनकी बहन स्व. सीता माता ने यह दरबार बनवाने की प्रेरणा दी थी। शहर के बीचों बीच स्थित माता वैष्णो देवी स्वर्ण मंदिर की स्थापना 14 मार्च 1967 में महंत सेवक अमरनाथ द्वारा की गई थी। कुछ वर्षों के बीच तीन नंबर डिवीजन चौक कहे जाने वाले इस चौक का नाम 25 सिंतबर 1972 में माता वैष्णो देवी चौक रखा गया।
वैष्णो देवी जी प्रतिमा और पिंडी के तीन स्वरुप विराजित
इस चौक से चलने वाली लोकल बसें जिस पर थाना तीन नंबर चौक का नाम अंकित था, उन्हें हटाकर माता वैष्णो देवी चौक कर दिया गया। मंदिर में माता वैष्णो देवी जी प्रतिमा और पिंडी के तीन स्वरुप विराजित है, जो आकर्षक का केंद्र है। इनमें प्रथम माता महाकाली, द्वितीय माता लक्ष्मी व तृतीय माता सरस्वती जी की पिंडिया है। नवरात्र पर यहां भारी भीड़ देखने को मिलती है।
पुलिस प्रशासन की तरफ से कड़ी व्यवस्था
मां के प्रिय उत्सव नवरात्रे पर भक्तों की अपार भीड़ रहती है। इसके चलते पुलिस प्रशासन की तरफ से कड़ी व्यवस्था की जाती है, ताकि ट्रैफिक सुचारु रूप से चलाया जा सके। इसका पूरा खर्च मंदिर कमेटी द्वारा किया जाता है। मान्यता है कि इस मंदिर में जो भी श्रद्धालु सच्चे मन से मन्नत मांगता है, वो जल्द ही पूर्ण होती है। -शिवराम, प्रमुख महंत मां वैष्णो देवी दरबार
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