ठंड और कोहरे ने सताए खिलाड़ी, ग्राउंड की बजाय डिस्पेंसरी की ओर लगा रहे दौड़
कृषि विश्वविद्यालय में 19वीं ऑल इंडिया इंटर एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी स्पोर्ट्स एंड गेम्स मीट में भाग लेने पहुंचे दक्षिण भारत के खिलाड़ी ठंड के टार्चर के आगे पस्त हो गए हैं।
लुधियाना,[आशा मेहता]। पंजाब कृषि विश्वविद्यालय में चल रही 19वीं ऑल इंडिया इंटर एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी स्पोर्ट्स एंड गेम्स मीट में विभिन्न खेलों में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाने के लिए पहुंचे दक्षिण भारत के खिलाड़ी ठंड के 'टार्चर' के आगे पस्त हो गए हैं। बहुत से खिलाड़ी कोल्ड, फीवर व खांसी की चपेट में आकर पीएयू के अस्पताल व नजदीक की डिस्पेंसरियों की दौड़ लगा रहे हैं। जब दक्षिण के खिलाड़ियों ने सुबह-सुबह घने कोहरे व शीतलहर का सामना किया तो उनके मुंह से बार-बार एक ही शब्द 'उफ्फ ये सर्दी' निकल रहा था। खिलाड़ियों का कहना था कि लुधियाना की ठंड को सहन करना उनके लिए मुश्किल हो रहा है। ऐसे में उनकी परफर्मेस पर भी असर पड़ रहा है।
ओडिसा से आई खो-खो की खिलाड़ी सुनीता, वर्षा ने कहा कि सुबह जब वह आठ बजे उठी तो चारों तरफ कोहरा ही कोहरा था। कुछ भी नजर नहीं आ रहा था। लुधियाना में जबरदस्त ठंड है। वह सुबह से ही कांप रही है। ठंड की वजह से उनकी टीम के कई खिलाड़ी कोल्ड व फीवर से जूझ रहे हैं। डिस्पेंसरी से दवा ली है, क्योंकि उनके यहां इस माह में न्यूनतम तापमान 12 से 14 डिग्री सेल्सियस और अधिकतम तापमान 22 डिग्री सेल्सियस के बीच रहता है। लेकिन लुधियाना में तो न्यूनतम तापमान तो 4 से 5 डिग्री सेल्सियस चल रहा है।
केरल के त्रिशूल स्थित कॉलेज ऑफ एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी की एथलीट वारदा, नशीदा, भरत, स्नेहा व फातिमा ने कहा कि इतनी ठंड बर्दाश्त करने की उन्हें आदत नहीं हैं। उनके यहां जनवरी में आमतौर पर अधिकतम तापमान 35 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 22 से 25 डिग्री सेल्सियस के बीच रहता है। पर लुधियाना में तो ठंड का प्रचंड रूप देख रहे हैं। ठंड इतनी ज्यादा है कि वार्म अप नहीं हो पा रहे। सांस लेने में भी दिक्कत होती है। दौड़ पूरी करने के बाद शरीर अकड़ रहा है। ठंड के चलते टीम के ज्यादातर खिलाड़ी खांसी जुकाम से जूझ रहे हैं।
बिना वजह बाहर ग्राउंड में जाने से बचे, डाइट अच्छी लें
शहर के जाने माने मेडिसन विशेषज्ञ डॉ. गुरमीत सिंह के अनुसार अगर कोई टीम दूसरे राज्य में टूर्नामेंट खेलने जा रही होती है, तो उसे वहां कम से कम एक सप्ताह पहले जाना चाहिए। इससे कि वह खुद को उस जगह के मौसम के अनुकूल ढाल सकें। अचानक आबोहवा बदलने से स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां आती हैं। इस समय ठंड बहुत है। ऐसे में दक्षिण के खिलाड़ियों को ठंड से बचाव के लिए अपनी डाइट अच्छी रखनी चाहिए। बिना वजह अधिक देर तक बाहर नहीं रहना चाहिए। पानी अधिक पीना चाहिए। खिलाड़ियों को गर्म कपड़े पहनने चाहिए। नींद अच्छी लेनी चाहिए। खांसी जुकाम होने पर स्टीम और बुखार होने पर चिकित्सक की सलाह से पैरासिटामोल ले सकते हैं।