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जगराओं में भाजपा में शामिल हुए पूर्व सरपंच कैप्टन बलौर सिंह का किया सामाजिक बायकाट

जगराओं में भारतीय किसान यूनियन एकता डकोंदा के नेता जगतार सिंह की अगुवाई में हुए भारी इकट्ठ में पूर्व सरपंच कैप्टन बलौर सिंह का सामाजिक बायकाट किया है। पूर्व सरपंच के साथ गए लोग भी पार्टी वापस आ गए हैं।

By Vinay KumarEdited By: Published: Tue, 05 Oct 2021 02:18 PM (IST)Updated: Tue, 05 Oct 2021 02:18 PM (IST)
जगराओं में भाजपा में शामिल हुए पूर्व सरपंच कैप्टन बलौर सिंह का किया सामाजिक बायकाट
जगराओं के लोगों ने भाजपा में शामिल हुए पूर्व सरपंच कैप्टन बलौर सिंह का सामाजिक बायकाट है।

संवाद सहयोगी, जगराओं। पिछले दिनों जगराओं से नजदीक गांव भमीपुरा कला के पूर्व सरपंच कैप्टन बलौर सिंह जोकि गांव में अपने समर्थकों के साथ भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए थे, उनका उनके गांव निवासियों द्वारा पूर्ण तौर पर सामाजिक बायकाट करने का ऐलान कर दिया गया है। गांव की चौपाल में हुए भारतीय किसान यूनियन एकता डकोंदा के नेता जगतार सिंह की अगुवाई में हुए भारी इकट्ठ में यह घोषणा की गई। इस मौके जगतार सिंह ने संबोधित करते हुए कहा कि पूर्व सरपंच बलौर सिंह साथियों समेत जब भाजपा में शामिल हुए थे तो उन्हें 1 अक्टूबर से 4 अक्टूबर तक का समय दिया गया था कि वह अपने स्तर पर स्पष्टीकरण दें कि उनके भाजपा में जाने का क्या कारण है, लेकिन उन्होंने किसी भी तरह का कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया। उसके साथ गए कुछ लोग वापस आ गए हैं जो अभी भी भाजपा के साथ हैं उनको भी अपना स्पष्टीकरण देने के लिए कहा गया है।

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अगर वह भी नहीं अपनी बात रखेंगे तो इसी तरह से उनका भी सामाजिक बायकाट कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार द्वारा कृषि सुधार कानून के नाम पर पास किए गए तीन काले कानून किसानों के लिए मौत के वारंट हैं। इन कानूनों को रद करवाने के लिए लगभग 1 वर्ष के समय से किसान सड़कों पर बैठे हुए हैं लेकिन भाजपा सरकार अपने हठ धर्म के चलते यह कानून वापस नहीं लेना चाहती। जिसके कारण सभी किसान मजदूर संगठनों द्वारा भाजपा का देश भर में विरोध करने का एलान किया हुआ है। ऐसे में पूर्व सरपंच कैप्टन बलौर सिंह का किसान मजदूरों और पंजाब के हित छोड़कर भाजपा में शामिल होना निंदनीय है। उन्होंने कहा कि जब तक कैप्टन बलौर सिंह अपनी गलती का सुधार नहीं कर लेते तब तक तो उनका सामाजिक बायकाट जारी रहेगा। कैप्टन बलौर सिंह के बायकाट के लिए बकायदा प्रस्ताव पारित किया गया। जिसको गांव निवासियों द्वारा नारे लगाकर और हाथ खड़े करते हुए अपना समर्थन दिया गया।

क्या कहना है कैप्टन बलौर सिंह का

इस संबंध में कैप्टन बलौर सिंह से बात की गई तो उन्होंने कहा कि भारत एक लोकतांत्रिक देश है। इसमें सभी को अपनी आजादी से जीवन व्यतीत करने का हक है। मेरा और मेरे परिवार का समाजिक बायकाट करने का फैसल गलत है, लेकिन वह अपने फैसले पर कायम है। किसी भी सूरत में वह भाजपा को छोड़कर कहीं नहीं जाएंगे । उन्होंने कहा कि शिरोमणि अकाली दल की सरकार के समय उनके खिलाफ अवैध तौर पर 8 मुकदमे झूठे दर्ज करवाए गए। जिसके लिए उन्होंने सभी के पास इंसाफ की गुहार लगाई लेकिन उनकी बात किसी ने नहीं सुनीं। जिससे हताश होकर उन्होंने भाजपा को ज्वाइन किया है। कैप्टन बलौर सिंह ने कहा कि उनके साथ गांव के दलित समुदाय के लोग भाजपा में शामिल हुए।

उन्होंने आरोप लगाया कि उन सभी के घरों में कुछ लोगों ने पहुंचकर  उन्हें गांव में खेतों से पशुओं को चारा, दूध तथा अन्य किसी प्रकार की जरूरत अनुसार वस्तुएं नहीं दी जाए गी। जिसके कारण कुछ लोग दोबारा वापस चले गए हैं। कैप्टन ब्लॉक सिंह ने कहा कि वह किसानों और मजदूरों के खिलाफ नहीं है बल्कि उन्होंने तो 104 दिन तक दिल्ली में रहकर किसान मजदूरों का साथ दिया है। उन्होंने कहा कि भाजपा में जाने के कारण गांव निवासियों में उनका बायकाट कर के उनका दूध तथा अन्य वास्तु में देने से इनकार कर दिया। जिस कारण उन्हें कुछ परेशानी का सामना करना पड़ा है, लेकिन वह झुकेंगे नहीं बल्कि परिवार के साथ जगराओं में शिफ्ट हो जाएंगे। फोटो कैप्शन- गांव भमीपुरा की चौपाल में इकट्ठ को संबोधित करते हुए किसान नेता जगतार सिंह और कैप्टन बलौर सिंह का बायकाट करने का समर्थन करते हुए गांव निवासी।


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