Move to Jagran APP

कोरोना व कैंसर का पता लगा सकते हैं खोजी कुत्ते, GADVASU लुधियाना में मिलेगा प्रशिक्षण

कुत्तों की सूंधने की शक्ति जबरदस्त होती है। ऐसे में लुधियाना स्थित गुरु अंगद देव वेटरनरी एंड एनिमल साइंस यूनिवर्सिटी में कुत्तों को प्रशिक्षित किया जाएगा ताकि कोरोना और कैंसर सहित नारकोटिक्स टेस्टिंग में उनकी मदद ली जा सके।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Fri, 11 Jun 2021 09:20 AM (IST)Updated: Fri, 11 Jun 2021 04:21 PM (IST)
कोरोना व कैंसर का पता लगा सकते हैं खोजी कुत्ते, GADVASU लुधियाना में मिलेगा प्रशिक्षण
गडवासू लुधियाना में खोजी कुत्तों को दिया जाएगा प्रशिक्षण। फाइल फोटो

जेएनएन, लुधियाना। कोरोना पाजिटिव लोगों का पता लगाने के लिए गुरू अंगद देव वेटरनरी एंड एनिमल साइंस यूनिवर्सिटी (Guru Angad Dev Veterinary And Animal Sciences University GADVASU) में कोरोना और कैंसर सहित नारकोटिक्स टेस्टिंग के लिए विशेष नस्ल के कुत्तों को प्रशिक्षित किया जाएगा। हाल ही में रिमाउंट वेटरनरी कोर (आरबीसी) के डाग ब्रीडिंग सेंटर ने भी मानव शरीर में कोरोना वायरस का पता लगाने के लिए खोजी कुत्ते तैयार किए हैं।

loksabha election banner

अपने कार्यकाल का एक साल पूरा होने पर गत दिवस वाइस चांसलर डा. इंद्रजीत सिंह ने कहा कि कुत्तों में सूंघने की शक्ति जबरदस्त होती है। यह शक्ति इंसानों से करीब हजार गुणा अधिक होती है। एक बार सूंघी हुई गंध को कुत्ता आसानी से दूसरी बार भी पहचान लेता है। दुनिया में कुत्तों की इस शक्ति इसका इस्तेमाल किया जा रहा है। अब हम भी इसका इस्तेमाल करने की सोच रहे हैं। इसके लिए यूनिवर्सिटी में डाग ट्रेनिंग कम ब्रीडिंग सेंटर बनाया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि इस सेंटर में कोरोना वायरस, कैंसर, नारकोटिक्स टेस्ट के लिए कुत्तों को प्रशिक्षित किया जाएगा। शुरुआत में लेबराडोर, पग व बिगल नस्ल के कुत्तों को प्रशिक्षित करेंगे। इससे संक्रमितों की स्क्रीनिंग जल्दी हो सकेगी। कुत्तों की मदद से कुछ सेकेंड में ही कोरोना संक्रमित को पहचाना जा सकता है। अभी आरटीपीसीआर टेस्ट का परिणाम आने में दो दिन लग जाते हैं। कुत्तों को प्रशिक्षित करने के लिए आरबीसी के सेवानिवृत्त अधिकारियों को दोबारा नौकरी पर रखा जाएगा। केंद्र सरकार को इस संबंध में प्रोजेक्ट बनाकर भेज दिया गया है।

कुत्ते सूंघ कर संक्रमितों का पता लगा सकते हैं : डा. क्लारेंस

सीएमसी अस्पताल के कम्यूनिटी मेडिसन डिपार्टमेंट के हेड डा. क्लारेंस जे सैमुअल ने कहा कि इजराइल ने संक्रमितों का पता लगाने के लिए कुत्तों के सूंघने की शक्ति की तकनीक इस्तेमाल की है। हालांकि यह कितना सही और स्टीक है, इसे लेकर साइंटफिक पेपर नहीं हैं। लेकिन, यह सही है कि कुत्तों को ट्रेनिंग दी जाए, तो वह संक्रमितों की पहचान कर सकता है। क्योंकि कोरोना संक्रमितों का ब्रीदंग रेट तेज हो जाता है। नार्मली हम एक मिनट में सोलह बार सांस लेते हैं, जबकि कोरोना संक्रमित इससे तेज सांस लेता है। कुत्ते यूरिन, पसीने, बाडी में बदलाव से सूंघकर महसूस कर लेते हैं।

अबोहर में बनेगा मल्टी स्पेशलिटी वेटरनरी अस्पताल : वीसी

डा. इंद्रजीत सिंह ने कहा कि वेटरनरी यूनिवर्सिटी अबोहर में मल्टी स्पेशलिटी वेटरनरी अस्पताल बनाएगी। यह राज्य सरकार का प्रोजेक्ट है। इस पर 62 करोड़ रुपये खर्च होंगे। आने वाले डेढ़ साल में इसकी इमारत तैयार कर लेंगे। यह एक तरह से रीजनल रिसर्च व ट्रेनिंग सेंटर होगा। यहां छोटे से बड़े जानवरों की बीमारियों की जांच, इलाज व सर्जरी होगी। मालवा के पशुपालकों को अभी लुधियाना आना पड़ता है। किसानों की आय बढ़ाने के लिए इंटीग्रेटेड लाइव स्टाक फार्मिग माडल भी स्थापित किया जाएगा। जिसमें लोगों को मछली पालन, डेयरी के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा।

पंजाब का ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

हरियाणा की ताजा खबरें पढ़ने केलिए यहां क्लिक करें


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.