गड्ढे में गिरकर बहन-भाई की मौत, पुलिस कार्रवाई से बचने के लिए दफना दिए शव
माछीवाड़ा के नजदीकी गांव इराक में पानी से भरे गड्ढे में डूबने से दो बच्चों की मौत हो गई। परिजनों ने मृत बच्चों के शव को पुलिस को सूचित किए बिना ही दफना दिया।
जेएनएन, माछीवाड़ा। माछीवाड़ा के नजदीकी गांव इराक में पानी से भरे गड्ढे में डूबने से दो बच्चों की मौत हो गई। यह घटना 4 फरवरी को हुई। सुरिंदर शर्मा गांव इराक में झुग्गी बनाकर पत्नी रीना देवी और 4 बच्चों के साथ रहता है। वह खेतों में मजदूरी करता है। हादसे के दिन 4 फरवरी को सुरिंदर मजदूरी करने के लिए खेतों में चला गया। उसकी पत्नी रीना देवी घर के काम में व्यस्त थी। तभी उसकी बेटी रूबी कुमारी (4) और बेटा शिव कुमार (3) खेलते हुए पानी से भरे गड्ढे में गिर गए। आसपास रहते झुग्गी वालों ने रीना को सूचना दी कि उसके दोनों बच्चे पानी से भरे गड्ढे में गिर गए हैं। जब वह मौके पर पहुंची और बच्चों को बाहर निकाला तब तक दोनों भाई-बहन की मौत हो चुकी थी। यह हादसा करीब बाद दोपहर घटा। इस हादसे में मरने वाला बच्चा शिव कुमार तीन बहनों का इकलौता भाई था।
बताया जा रहा है कि हादसे के बाद कुछ गांव के लोगों ने पुलिस की कार्रवाई में पड़ने की बजाय परिवार को बच्चों का संस्कार करने का सुझाव दिया। इस कारण इस गरीब परिवार ने उसी दिन देर शाम को ही इन मृत बच्चों के शव को पुलिस को सूचित किए बिना ही दफना दिया।
गड्ढे में कॉलोनी का गिरता था पानी, उसे ढका ही नहीं
शुक्रवार को पत्रकारों ने मौके पर जाकर पारिवारिक सदस्यों से बातचीत की तो मृतक बच्चों की मां रीना देवी गहरे सदमे में थी। उसने कहा कि बच्चों की मौत के साथ उसकी तो दुनिया ही उजड़ गई। यह भी जानकारी मिली है कि इस गड्ढे में आसपास की किसी कॉलोनी का पानी गिरता था पर उस गढ्डे के कारण कोई हादसा न हो, इसलिए उसे ढका भी नहीं गया था।
थाना प्रभारी बोले, हादसे में हुई बच्चे की मौत की जानकारी नहीं
इस संबंध में थाना माछीवाड़ा के प्रभारी इंस्पेक्टर हरविंदर सिंह से बात की तो उन्होंने कहा कि उन्हें इन बच्चों की हादसे में हुई मौत के बारे में जानकारी नहीं है और न ही किसी पारिवारिक सदस्य या गांव वासी ने सूचित किया। उन्होंने कहा कि यदि सूचना मिलती तो कानून के अनुसार जरूर कार्रवाई करते।