सिधवां नहर से पानी की सप्लाई के प्रोजेक्ट का काम पड़ा सुस्त, डिजाइन फाइनल करने में जुटे अफसर Ludhiana News
वर्ष 2018 में कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी अपने जन्मदिन पर इस प्रोजेक्ट को शुरू करने की घोषणा की थी। मुख्यमंत्री की घोषणा के साथ लोगों ने इस प्रोजेक्ट के सपने देखने शुरू कर दिए।
लुधियाना, [राजेश भट्ट]। स्मार्ट सिटी की पहली सूची में लुधियाना का नाम आते ही लुधियानवियों ने हाईटेक शहर बनने के सपने देखने शुरू कर दिए थे। शहर के गिरते भूजल स्तर को बचाने के लिए अफसरों ने सिधवां नहर से एबीडी (एरिया बेस्ड डवलपमेंट) में 24 घंटे पीने की पानी की सप्लाई देने का सपना दिखाया। सूबे में कैप्टन अमरिंदर सिंह मुख्यमंत्री बने तो नवजोत सिंह सिद्धू ने स्थानीय निकायमंत्री का पद संभाला। वह शहर में आए और एक ही दिन में 3500 करोड़ रुपये के प्रोजेक्टों की घोषणा कर दी, जिसमें यह प्रोजेक्ट भी शामिल था।
वर्ष 2018 में कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी अपने जन्मदिन पर इस प्रोजेक्ट को शुरू करने की घोषणा की थी। मुख्यमंत्री की घोषणा के साथ लोगों ने इस प्रोजेक्ट के सपने देखने शुरू कर दिए। दो साल बीत जाने के बाद भी अभी तक सिधवां नहर से पानी की सप्लाई सिर्फ एक सपना बना हुआ है। स्मार्ट सिटी लिमिटेड के अफसर अभी नहरी पानी की सप्लाई वाले प्रोजेक्ट का डिजाइन फाइनल करने में जुटे हैं। इस प्रोजेक्ट पर करीब 104 करोड़ रुपये खर्च किए जाने हैं।
पानी की सप्लाई के लिए अभी तक कुछ भी नहीं किया गया
स्मार्ट सिटी मिशन के तहत एबीडी में नहरी पानी की सप्लाई का प्रोजेक्ट तैयार किया गया। इस प्रोजेक्ट के साथ ही एबीडी के सीवरेज की सफाई और जरूरत के मुताबिक नई सीवरेज लाइन बिछाने व स्टॉर्म वाटर ड्रेनेज बनाने का प्रोजेक्ट तैयार किया गया। बाद में तीनों प्रोजेक्टों को एक साथ जोड़ा गया और इनके एक साथ टेंडर जारी कर दिए गए। मुख्यमंत्री की घोषणा के एक साल बाद सात मार्च 2019 को स्मार्ट सिटी लिमिटेड इस प्रोजेक्ट के वर्क ऑर्डर जारी कर पाया। वर्क ऑर्डर जारी हुए फिर एक साल बीत गया, लेकिन अभी तक ग्राउंड पर यह प्रोजेक्ट लोगों को दिखना शुरू नहीं हुआ। इस प्रोजेक्ट के तहत अब तक सिर्फ सीवरेज की सफाई का काम हुआ है। इसके अलावा वाटर सप्लाई को लेकर डोर टू डोर सर्वे किया गया है, जबकि नहरी पानी की सप्लाई के लिए अभी तक कुछ भी नहीं किया गया। प्रोजेक्ट की डेडलाइन एक जुलाई 2021 है यानि अब 16 माह का वक्त बच गया है, लेकिन जिस कछुआ चाल से यह प्रोजेक्ट चल रहा है उस हिसाब से नहीं लगता कि यह तय समय पर पूरा हो सकेगा। स्मार्ट सिटी लिमिटेड के अफसर भी मानते हैं कि अभी तक इन तीनों प्रोजेक्टों पर महज 13 से 14 फीसद काम हुआ है।
एबीडी में तीन हिस्सों में होने वाले काम
पानी की सप्लाई: 24 घंटे
लागत: 46.50 करोड़
क्या होगा: सिधवां नहर से पानी मिलेगा और सराभा नगर जोन डी के पास वाटर ट्रीटमेंट प्लांट लगेगा। लैय्यर वैली और रोजगार्डन में दो अंडर ग्राउंड वाटर टैंक बनेंगे। 35 किलोमीटर से ज्यादा पानी की सप्लाई लाइन बिछाई जानी है। सभी घरों में वाटर मीटर लगाए जाने हैं।
सीवरेज की नई लाइन पड़ेगी
लागत: 39.30 करोड़
क्या होगा: सीवरेज की सफाई होनी है। अब तक करीब 23 किलोमीटर सीवरेज लाइन की सफाई हो चुकी है और सफाई का काम जारी है। जरूरत के हिसाब से कहीं सीवरेज की नई लाइनें भी बिछाई जाएंगी।
स्टार्म वाटर ड्रेनेज सिस्टम
लागत: 17.79 करोड़
वाटर लॉगिंग न हो इसके लिए स्टार्म वाटर ड्रेनेज सिस्टम तैयार किया जाएगा। रेन वाटर के लिए अलग से स्टार्म वाटर लाइन बिछाई जानी हैं। इस प्रोजेक्ट पर भी अभी तक काम शुरू नहीं हुआ।
देरी के चार बड़े कारण
दो साल तक प्रोजेक्ट टेंडरिंग प्रक्रिया में फंसा रहा
वर्क ऑर्डर जारी होते ही सराभा नगर मार्केट व मल्हार रोड का काम शुरू हो गया, जबकि फिरोजपुर रोड पर एलिवेटिड रोड का काम पहले से चल रहा था। इस प्रोजेक्ट के लिए भी सड़कों की खुदाई होनी है, जिस वजह से इस प्रोजेक्ट को रोक दिया गया।
- इंप्रूवमेंट ट्रस्ट से वाटर ट्रीटमेंट प्लांट के लिए दी जानी वाली जगह की एनओसी देरी से मिली।
- वाटर ट्रीटमेंट प्लांट के डिजाइन को फाइनल करने पर सहमति नहीं बनी।
अब हमें इंप्रूवमेंट ट्रस्ट से एनओसी मिल गई है और डिजाइन भी लगभग फाइनल हो गया है। सीवरेज की सफाई चल रही है। बाकी का काम जल्द ही शुरू करवा दिया जाएगा। ट्रैफिक प्रॉब्लम न हो इसके लिए पहले सीवरेज की सफाई व अन्य काम किए जा रहे हैं।
-रविंदर गर्ग, एसई ओएंडएम ब्रांच, नगर निगम
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