युवा अवस्था में ही अध्यात्म का रुख करें : शून्य प्रभु
सतलुज किनारे स्थित शनिगांव में शून्य प्रभु के सानिध्य में हवन यज्ञ व प्रवचन सभा का आयोजन किया गया।
संस, लुधियाना : सतलुज किनारे स्थित, शनिगांव में शून्य प्रभु के सानिध्य में हवन यज्ञ व प्रवचन सभा का आयोजन किया गया। शनि भक्तों ने हवन में आहुतियां डाल सुख-शांति मांगी। इस अवसर पर शून्य प्रभु ने कहा कि हमारे समाज में यदि कोई युवा अध्यात्म की ओर जाता है तो ज्यादातर मां-बाप और संबंधी कहते है कि अभी तेरी आयु नहीं है प्रवचन सुनने की। हालांकि यदि गौर से विचार करें तो सबसे ज्यादा भटकाव युवावस्था में ही होता है। जब हमारे शरीर में हार्मोन तेजी से बढ़ते है, तो अधिकांश युवा समझ नहीं पाते कि क्या सही, क्या गलत है। कोई प्यार में पड़ जाता है तो कोई नशे में। कोई बहुत ज्यादा महत्वकांक्षी होकर निराश हो जाता है, तो कोई गलत व्यवसाय चुन लेता है। अत: इस नाजुक समय में अध्यात्म काफी मददगार हो सकता है। अत: 13 से 30 की आयु में कोई अध्यात्मिक गुरू अवश्य होना चाहिए। अंत में शनि की आरती कर सभा को विश्राम दिया।