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लुधियाना में श्रीमद् भागवत कथा करवाई, श्री राधा कृष्ण महाराज बोले- जीवन में सादगी लाने से ही ज्ञान की प्राप्ति होगी

लुधियाना में श्री सिद्ध पीठ श्री दण्डी स्वामी मंदिर में श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन प. राज कुमार शर्मा की अध्यक्षता में किया जा रहा है। जिसमें विशेष रूप से गोवत्स श्री राधाकृष्ण जी महाराज जोदपुर से कथा करने के लिए पधारे हुए हैं।

By Vinay KumarEdited By: Published: Fri, 16 Jul 2021 11:43 AM (IST)Updated: Fri, 16 Jul 2021 11:43 AM (IST)
लुधियाना में श्रीमद् भागवत कथा करवाई, श्री राधा कृष्ण महाराज बोले- जीवन में सादगी लाने से ही ज्ञान की प्राप्ति होगी
लुधियाना में श्री दंडी स्वामी मंदिर में श्रीमद् भागवत कथा करवाई।

जागरण संवाददाता, लुधियाना। लुधियाना में श्री सिद्ध पीठ श्री दण्डी स्वामी मंदिर में श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन प. राज कुमार शर्मा की अध्यक्षता में किया जा रहा है। जिसमें विशेष रूप से गोवत्स श्री राधाकृष्ण जी महाराज जोदपुर से कथा करने के लिए पधारे हुए है। विशेष रूप से प्रातकाल प्रभातफेरी का आयोजन किया गया जो कि श्री सिद्ध पीठ मंदिर से शुरू होकर ग्रीन पार्क के एरिया में घुमती हुई वापस मंदिर में आकर सम्पन्न हुई। प्रभातफेरी में भक्तों द्वारा सिर्फ 'हरे कृष्ण हरे राम' महामंत्र का जाप ही किया गया और हर जगह नाम रस ही कर दिया। प्रभातफेरी निकलने का मकसद यह है कि नगर नगर में जा कर प्रभातफेरी के माध्यम से हरिनाम संकीर्तन का प्रचार करना और लोगों को हरिनाम संकीर्तन की तरफ जोड़ना।

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सायंकाल कथा के चौथे दिन गोवत्स श्री राधाकृष्ण जी महाराज जी ने कथा करते हुए कहा कि हमें जीवन में सादगी पसंद करनी चाहिए। हमें ज्ञान तभी प्राप्त होगा जब जीवन कोरे कागज की तरह होगा, हमें अभिमान किसी चीज का नहीं चाहिए। उन्होंने कहा कि पशु पक्षियों को घर में या पिंजरो में कैद करके नहीं रखना चाहिए। हमारा शौक किसी के लिए बंधन हो तो शौक नहीं है। दूसरे के सुख को नष्ट करके अपने शौक को कायम रखना या हिंसा करनी बहुत बड़ा पाप है। हम यह जाने अंजाने में करते हैं फलस्वरूप हमें नरक की प्राप्ति होती है। इसलिए हमें ध्यान रखना चाहिए कि हमारे द्वारा जानकर कभी किसी जीव या प्राणी को हमारे द्वारा कष्ट न पहुंचाया जाए। इस बात की सावधानी जीवन में रखना।

श्री महाराज जी ने कहा कि भगवान का नाम संकीर्तन ही हमें कष्टों और पापों से बचा सकता है।उन्होंने कहा कि जब हमें भगवान की याद आती है तो वो सब से बड़ी संपति है अगर याद न आए भूल जाते है तो वो सब से बड़ी विपत्ति है। श्री महाराज ने कथा के दौरन गाए गए भजन- भगवान तुम्हरे चरणो में यदि प्रेम किसी का हो जाए, तो चरणों की बात ही क्या संसार ही उसी का हो जाए, जय राधे जय राधे जय श्री कृष्ण बोलो जय श्री राधे, हे वाला अर्जी हमारी सुनो श्री नाथ जी लेजा तारा दाममा आदि मधुर भजन गाए गे। प. श्री राज कुमार शर्मा जी ने कहा कि यह कथा 18 जुलाई तक प्रतिदिन सायंकाल 5 बजे से 8.30 बजे तक होगी।

इस अवसर पर ललित शर्मा, सोमनाथ बबू, सतीश जैन,सुरिंदर अरोड़ा, काले खान, तीर्थ राम, गुलशन नागपाल, बलजिंदर गुप्ता, राजेश गाबा, मोहित मौदगिल, चिंतन शर्मा, चेतन खोसला, मोहित कुमार, माधव कालड़ा, नीरज सबरवाल, हर्षमोहन, प्रवीण गुप्ता, महिंदर आनंद, संजीव शर्मा, संगीत गंभीर, विककी साहनी, अरविंद गोयल, राजिंदर छाबड़ा, सिता राम अरोड़ा, हनी पाहवा, ललित वर्मा, नरिंदर शर्मा, शाम सूंदर पब्बी, माधव कालड़ा   उपस्थित थे।


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