श्रीश्री रविशंकर ने लीडरशिप और मैनेजमेंट के दिए मंत्र, तनाव दूर करने तरीके भी बताए
टरेक्शन विद श्रीश्री रविशंकर जी कार्यक्रम में धर्मगुरु श्रीश्री रविशंकर ने पंजाबियों को लीडरशिप और मैनेजमेंट के मंत्र दिए।
जेएनएन, लुधियाना। ऑट ऑफ लिविंग की ओर से रविवार की शाम पंजाब कृषि विश्वविद्यालय के डॉ. मनमोहन सिंह ऑडिटोरियम में इंटरेक्शन विद श्रीश्री रविशंकर जी कार्यक्रम करवाया गया। इस दौरान धर्मगुरु श्रीश्री रविशंकर ने पंजाबियों को लीडरशिप और मैनेजमेंट के मंत्र दिए। श्रीश्री ने अपने संवाद में साफ किया कि जीवन में संकल्प अनिवार्य है। इसी से ही व्यक्ति का चौरतफा विकास होता है और वह महान कार्य कर जाता है। ऑडिटोरियम में उपस्थित लोगों को मेडिटेशन कराया, साथ ही तनाव मुक्त रहने के लिए डेस्क टॉप योगा के तहत कुछ आसन भी करवाए। उन्होंने लोगों को जीवन में अपना लक्ष्य साध कर आगे बढऩे, ईमानदारी के साथ काम करने और देश व समाज कल्याण में योगदान देने के लिए भी प्रेरित किया। कार्यक्रम के अंत में एवन साइकिल्स के सीएमडी ओंकार सिंह पाहवा ने श्रीश्री को दोशाला पहना कर सम्मानित किया। कार्यक्रम में पुलिस कमिश्नर डॉ. सुखचैन सिंह गिल, क्रीमिका फूड्स की चेयरपर्सन रजनी बैक्टर, ओंकार पाहवा, सुनील कुमार मित्तल, विश्वास जैन, मदन गोयल, सुशील गोयल, संजय बांसल समेत बड़ी संख्या में गणमान्य मौजूद रहे।
श्रीश्री रविशंकर जी के कार्यक्रम में उपस्थित लोग।
आपका बॉस सख्त है तो आपकी पर्सनेलिटी निखरेगी
श्रीश्री ने कहा कि तरंगे भी संवाद करती हैं, उनसे आने वाली खुशी एवं चुनौतियों का अहसास होता है। उन्होंने तर्क दिया कि यदि बॉस सख्त है तो आपकी पर्सनैलिटी निखरेगी, आप आगे बढ़ेंगे, क्योंकि आप उतना ही सोचेंगे और नई इनोवेशन सामने आएगी। यदि बॉस सरल है तो आपकी तरक्की भी रुक सकती है। प्रेरणाा भीतर से जागनी चाहिए। यदि खुद कुछ करने की इच्छा हो तभी चट्टानों को भी हिलाया जा सकता है। गरीबी रेखा से नीचे रहने वालों की मदद करनी चाहिए, लेकिन उनको पता न चले। उनका आत्मविश्वास मजबूत करना अनिवार्य है।
तनाव को दूर करने के लिए मेडिटेशन है बड़ा मंत्र
भ्रष्टाचार मिटाने पर श्रीश्री रविशंकर ने मंत्र दिया कि अपनत्व के भाव एवं मजबूत कानून से ही इस समस्या का समाधान किया जा सकता है। उनके अनुसार जब मन में तनाव नहीं होता, तभी मन स्पष्ट होगा। तनाव को दूर करने के लिए मेडिटेशन बड़ा मंत्र है। अमेरिकन मेडिकल जनरल की रिसर्च के अनुसार दो साल तक मेडिटेशन से दिमाग का ढांचा बदल सकता है। बीमारियां दूर होती हैं। साधना ही सच्ची पूंजी है और यही व्यक्ति के साथ जाएगी। उद्यमियों से श्रीश्री बोले कि प्रतिस्पर्धा से बिजनेस को बेहतर बनाया जा सकता है। इससे घबराने की बजाय अपने प्रोडक्ट पर विश्वास करना अनिवार्य है। अपराध कम करने को लेकर उन्होंने कहा कि मानव मूल्यों को विकसित करके इस समस्या का समाधान किया जा सकता है।