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एक हजार वाले स्टांप पेपरों की कमी, सौ पर अधिक वसूली

एक हजार व पांच सौ रुपये के स्टांप पेपर की शॉर्टेज आवेदकों की जेब पर सेंध लगा रही है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 03 Jun 2020 07:00 AM (IST)Updated: Wed, 03 Jun 2020 07:00 AM (IST)
एक हजार वाले स्टांप पेपरों की कमी, सौ पर अधिक वसूली
एक हजार वाले स्टांप पेपरों की कमी, सौ पर अधिक वसूली

जासं, लुधियाना : एक हजार व पांच सौ रुपये के स्टांप पेपर की शॉर्टेज आवेदकों की जेब पर सेंध लगा रही है। एक एक पेपर की जगह आवेदकों को छोटे स्टांप पेपर्स का पुलिदा लगाना पड़ रहा है। चूंकि प्रत्येक पेपर की बिक्री पर बीस से तीस रुपये अतिरिक्त का अवैध भुगतान लिया जा रहा है जिसके चलते पेपर का नुकसान तो हो ही रहा है वहीं छह सात सौं रुपये का आर्थिक नुकसान भी भूमि खरीददारों को झेलना पड़ रहा है। दरअसल जिला लॉकडाउन के चलते जिला खजाना कार्यालय नासिक से आने वाले स्टांप पेपर मंगवा नहीं पाया।

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अष्टामफरोश व वसीका नवीसों के पास जो स्टॉक पड़ा था वह भी खत्म हो गया। ऐसे में बचे सिर्फ पांच हजार व सौ रुपये के स्टांप पेपर। मजबूरी में खरीदारों को सौ-सौ रुपये के स्टांप पेपर लगाकर ही काम चलाना पड़ रहा है। वहीं सब रजिस्ट्रार कार्यालय में फिजीक्ल डिस्टेसिग का ध्यान तो रखा गया पर कार्यालय के सामने आवेदकों ने झुंड बनाकर इसकी धज्जियां उड़ा रखी थी। जिला खजाना अधिकारी रछपाल सिंह ने बताया कि शॉर्टेज वाले स्टांप पेपर जल्द ही उपलब्ध करवा दिए जाएंगे। सौ वाले बीस पेपर के लिए अष्टामफरोश ने बीस रुपये अतिरिक्त वसूले: पंकज

ट्रांसपोर्ट नगर स्थित सब रजिस्ट्रार कार्यालय पूर्वी में पहुंचे आवेदक पंकज कुमार ने बताया कि प्लॉट खरीदा था। रजिस्ट्री करवाने के लिए सात हजार रुपये के स्टांप पेपर लगाने थे। ऐसे में एक स्टांप पेपर तो पांच हजार का खरीद लिया। बाकी बचे दो हजार के लिए सौ सौ वाले बीस पेपर खरीदने पड़े। प्रत्येक पेपर के लिए अष्टामफरोश ने बीस रुपये अतिरिक्त वसूले। ऐसे में पंकज को चार सौ रुपये का अधिक भुगतान मजबूरी में करना पड़ गया।


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