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Blood Banks में खून की भारी कमी, स्वेच्छा से रक्तदान करने से कतरा रहे लोग

जब से कोरोना वायरस ने दस्तक दी है तब से स्वेच्छा से रक्तदान करने वालों की कमी आ गई है। जिसके चलते निजी व सरकारी अस्पतालों के ब्लड बैंकों में खून की भारी कमी आ गई है।

By Sat PaulEdited By: Published: Mon, 11 May 2020 01:01 PM (IST)Updated: Mon, 11 May 2020 03:30 PM (IST)
Blood Banks में खून की भारी कमी, स्वेच्छा से रक्तदान करने से कतरा रहे लोग
Blood Banks में खून की भारी कमी, स्वेच्छा से रक्तदान करने से कतरा रहे लोग

लुधियाना, जेएनएन। रक्तदान को महादान कहा जाता है। कोरोना महामारी से पहले शहर के लोग रक्तदान में सबसे आगे रहा करते थे। मगर, जब से कोरोना वायरस ने दस्तक दी है, तब से स्वेच्छा से रक्तदान करने वालों की कमी आ गई है। जिसके चलते निजी व सरकारी अस्पतालों के ब्लड बैंकों में खून की भारी कमी आ गई है। खून की जरूरत पूरी करने के लिए ब्लड बैंक के इंचार्ज को एनजीओ की मदद लेनी पड़ रही है, लेकिन तब भी जरूरत पूरी नहीं हो रही है।

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ब्लड बैंक के इंचार्ज के अनुसार लोग कोरोना के डर से ब्लड बैंक में आने से कतरा रहे हैं। लोगों को डर है कि अगर वे अस्पताल में आए, तो कोरोना वायरस के संक्रमण की चपेट में आ सकते हैं। जबकि ऐसा कुछ नही हैं। ब्लड बैंक के डॉक्टर, नर्सिंग स्टाफ व लैब टेक्नीशियन लगातार आ रहे हैं। ब्लड बैंक भी सभी तरह के खून लेने के दौरान सभी तरह की जरूरी सावधानियां बरत रहा है। इसके बाद भी लोग स्वेच्छा से रक्तदान के लिए नहीं आ रहे हैं।

सीएमसीएच की बीटीओ (ब्लड ट्रांसफ्यूजन ऑफिसर) डॉ. धृति शर्मा कहती हैं कि जितनी जरूरत है, उतना खून हमें नहीं मिल रहा है। अस्पताल में थैलासीमिया, कैंसर, डिलीवरी, एक्सीडेंट व हर ऑपरेशन में खून की जरूरत पड़ रही है। मरीजों के रिश्तेदार रक्तदान नहीं कर रहे हैं। कैंप नहीं लग पा रहे। स्वेच्छा से रक्तदान करने वाले रक्तदाता नहीं आ रहे हैं। ऐसे में इमरजेंसी में स्टॉक की कमी के चलते रक्तदान में सक्रिय एनजीओ से बार-बार अपील करके रक्तदान करवा रहे हैं। पहले लोग कह रहे थे कि वह रक्तदान करना चाहते हैं, लेकिन कर्फ्यू में निकल नहीं पा रहें। ऐसे में हम पास भी उपलब्ध करवा रहे हैं। लोगों से यही अपील है कि अस्पतालों में भर्ती जरूरतमंद मरीजों के लिए समस्या आ सकती है। इसलिए एक-एक या दो-दो कर रूटीन में रक्तदान करने जरूर आएं। उन्होंने कहा कि अगर लोग रक्तदान करना चाहते हैं, तो अस्पताल के ब्लड बैंक के नंबर 0161-2115078 पर संपर्क कर सकते हैं।

जीटीबी अस्पताल की बीटीओ डॉ. अरविद खुराना कहती हैं कि उनके अस्पताल में स्टाक में भी सभी ब्लड ग्रुप की भारी कमी है। इमरजेंसी में आने वाले मरीजों के लिए खून जुटाने को लेकर रिप्लेसमेंट लेनी पड़ रही है। स्टाफ रक्तदान कर रहा है। मगर, तब भी जरूरत पूरी नहीं हो पा रही है। कैंप नहीं लग पा रहे हैं। हमारे पास जो स्वयंसेवक रक्तदानियों की सूची है, उन्हें जब कॉल कर रहे हैं तो वे भी डर रहे हैं। लोगों को समझाया जा रहा है कि सुरक्षा के तमाम इंतजाम करके रक्तदान करने के लिए आएं। हम पास भी उपलब्ध करवा रहे हैं।

डीएमसीएच के ट्रांसफ्यूजन मेडिसन की प्रोफेसर व हेड डॉ. अमरजीत कौर कहती हैं कि अभी बहुत ही क्रिटिकल टाइम चल रहा है। कोरोना महामारी के चलते रक्तदान में काफी कमी आ गई है। ब्लड बैंक के स्टाक में पर्याप्त खून नहीं हैं। जरूरत पूरी करने के लिए एनजीओ, अस्पताल की फैकल्टी, रेंजीडेंट व नर्सिंग स्टाफ से रक्तदान करवाया जा रहा है। डीएमसीएच में रोजाना 100 से 150 यूनिट ब्लड की जरूरत है। जिमसें से 40 यूनिट थैलासीमिया व 10 से 15 यूनिट कैंसर पेशेंट के लिए लग रहे हैं। इसके अलावा इमरजेंसी व डिलीवरी केस अलग है।

फिरोजपुर रोड स्थित श्री रघुनाथ अस्पताल के बीटीओ डॉ. साहिल बांसल भी कहते हैं कि इस समय ब्लड बैंक में खून की भारी कमी है। स्टाक में केवल 30 से 40 यूनिट ब्लड होगा। फोन करके स्वेच्छिक रक्तदान करवा रहे हैं। रक्तदान में कमी आने की एक ही वजह यह है कि लोगों को लग रहा है कि लॉकडाउन व कोरोना में अस्पताल जाएंगे, तो इंफेक्शन हो जाएगा। जबकि ब्लड बैंक में हेल्दी डोनर ही आते हैं। ऐसे में इंफेक्शन के चांसेज बहुत कम हैं। दूसरा कैंप नहीं लग रहे हैं। इसकी वजह से भी कमी है। डॉ. बांसल ने कहा कि हम चाहेंगे कि लोग रक्तदान के लिए आगे आएं। अगर किसी ने रघुनाथ अस्पताल में आना हैं, तो वह हेल्पलाइन नंबर 7009815727 पर संपर्क करके जानकारी ले सकता है।

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