पाबंदी के बावजूद चोरी छिपे मोटी कमाई के लिए दुकानदार बेच रहे चाइना डोर
दुकानदार मोटी कमाई करने के लिए प्रशासन की नाक तले इस ड्रैगन डोर को बेच रहे हैं। कोई दुकानदार स्कूटर की डिक्की में छिपाकर इसे बेच रहा है तो कोई वाहन में से लाकर इसे दे रहे हैं।
लुधियाना, [राजेश शर्मा]; चाइना डोर का नाम सुनते ही हर किसी की रूह कांप जाती है। जब से इस मौत की डोर ने पंजाब में कदम रखा है, तब से इसने असंख्य लोगों को गहरे जख्म दिए हैं। देखा जाए तो आज भी हालात ज्यों के त्यों ही बने हुए हैं। जिला प्रशासन पतंगों के सीजन से पहले इस ड्रैगन डोर की बिक्री पर पाबंदी तो लगा देता है पर कार्रवाई के नाम पर कुछ नहीं किया जाता और इस बार भी ऐसा ही हो रहा है।
जिले में पिछले कई सालों से सैकड़ों लोग जख्मी हो चुके हैं और कई की जान जा चुकी है। 1 जनवरी 2018 से अब तक करीब 50 से अधिक लोग जख्मी हो चुके हैं। इनमें खन्ना के लोग भी शामिल हैं। इनमें से कई के 20 से अधिक टांके भी लगे थे। पुलिस की ओर से यह डोर बेचने वालों को पकडऩे के लिए कार्रवाई तो की गई पर उसका असर शून्य ही रहा। हाल ही में कुछ दिन पहले ही ड्रैगन डोर से कुछ लोग जख्मी हो गए थे। पर प्रशासन ने उतनी सख्ती नहीं दिखाई। अब तक 500 से अधिक गïट्टू पुलिस की ओर से पकड़े जरूर गए हैं पर इन्हें बेचने वालों को थाने से ही जमानत मिल गई। ऐसे में पुलिस की कार्रवाई का सख्त असर नहीं हुआ।
स्कूटर की डिक्की या वाहन में छिपाकर बेचते हैं डोर
दुकानदार मोटी कमाई करने के लिए प्रशासन की नाक तले इस ड्रैगन डोर को बेच रहे हैं। कोई दुकानदार स्कूटर की डिक्की में छिपाकर इसे बेच रहा है तो कोई दुकान से कुछ दूर खड़े किए अपने वाहन में से लाकर इसे दे रहे हैं। जो इस डोर को बेचने वाले बड़े मगरमच्छ हैं, उनकी गाडियां ही उनके गोदाम बने हुए हैं। इन दुकानदारों की ओर से 400 ग्राम डोर का गïट्टू साढ़े तीन सौ रुपये के करीब और 800 ग्राम का गïट्टू 650 रुपये में बेचा जा रहा है।
इन इलाकों में बेची जा रही ये डोर
महानगर में दरेसी, शिंगार सिनेमा रोड, सलेमटाबरी, बड़ी हैबोवाल, उपकार नगर, घुमारमंडी के अलावा शहर के कई ऐसे इलाके हैं जहां पर धड़ल्ले से ड्रैगन डोर बेची जा रही है। बता दें कि इन इलाकों में जागरण टीम ने स्टिंग भी किया था और डोर बेचे जाने का खुलासा किया था। ऐसी दर्जनों दुकानें है जहां से डोर की सप्लाई बदस्तूर जारी है। इसके बावजूद पुलिस एक्टिव नहीं पो पाई है।
चाइना डोर के खिलाफ अभियान चलाने वाले अत्री भी थके
पिछले सात वर्षो से चाइना डोर के खिलाफ अभियान चलाए हुए कारोबारी सरवन अत्री का कहना है कि अब वह इस अभियान से ही थक चुके हैं। वजह कई है। मौत की डोर बेच रहे इन दुकानदारों पर अव्वल तो कार्रवाई होती ही नहीं। अगर एकाध पर्चा हो भी गया तो धारा इतनी कमजोर होती है जिसकी जमानत थाने से ही मिल जाती है। ऐसे में कोई भी व्यक्ति इस संगीन जुर्म करने से क्यों डरेगा।
पुलिस प्रशासन ने काफी सख्ती कर रखी है। जहां भी सूचना मिल रही है, वहां पुलिस तत्काल छापे मारी कर रही है। लोगों को भी इस मुहिम में आगे आना चाहिए। वह चाइना डोर खरीदने की बजाय इसे बेचने वालों की सूचना पुलिस को दें। -अश्वनी कपूर, डीसीपी