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मंदिर देवी दवाला में तुलसी-शालिग्राम के विवाह पर उमड़े भक्त

मंदिर देवी दवाला में वीरवार को आज कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की द्वादशी के अवसर पर वृंदा तुलसी व नरहरि विष्णु जी के विवाह का आयोजन किया गया।

By JagranEdited By: Published: Fri, 27 Nov 2020 03:30 AM (IST)Updated: Fri, 27 Nov 2020 03:30 AM (IST)
मंदिर देवी दवाला में तुलसी-शालिग्राम के विवाह पर उमड़े भक्त
मंदिर देवी दवाला में तुलसी-शालिग्राम के विवाह पर उमड़े भक्त

जागरण संवाददाता, खन्ना : मंदिर देवी दवाला में वीरवार को आज कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की द्वादशी के अवसर पर वृंदा तुलसी व नरहरि विष्णु जी के विवाह का आयोजन किया गया। इसमें विपन गर्ग के परिवार द्वारा वर पक्ष और मंदिर की महिला संकीर्तन मंडली व मंदिर प्रबंधन ने कन्या पक्ष की भूमिका निभाकर पूरे रीति रिवाज के साथ विवाह संपन्न किया।

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शालिग्राम के रूप में भगवान विष्णु को सुंदर पोशाक व मोर मुकुट पहनाया गया और तुलसी जी का श्रृंगार किया गया। मंदिर पुजारी मोहन व अजीत कुमार द्वारा भव्य मंडप सजाया गया। महिला संकीर्तन मंडली ने अत्यंत सुंदर भजन-तेरा किसने किया श्रृंगार सांवरे, दूल्हा तो लगे दिलदार सांवरे गाकर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। इसके अलावा श्रीराम एवं श्रीकृष्ण के विवाह को भी स्मरण किया गया। इससे पहले तड़के प्रभातफेरी के उपरांत सुबह से ही श्री विष्णु सहस्त्रनाम, गोपाल सहस्त्रनाम व श्रीराम माला का संगीतमय गायन प्रारंभ कर दिया और तुलसी की परिक्रमा की गई। भगवान विष्णु को जगाने के लिए शंख नाद के अलावा शाम के समय पुष्प वर्षा के साथ खूब भक्ति रंग बिखेरा गया।

पंडित मोहन परगाई ने तुलसी की उत्पति के बारे में बताया कि मां गौरी द्वारा देवों को दिए गए बीजों से तुलसी, ब्राहम्णों को दिए बीजों से आंवला व लक्ष्मी जी को दिए बीजों से मालती की उत्पति हुई। तुलसी जी भगवान विष्णु को परम प्रिय हैं जो व्यक्ति संकल्प लेकर तुलसी-नरहरि विवाह करवाता है, उसकी संतान को परम फल मिलता है। कार्तिक मास के दौरान प्रबोधनी एकादशी से लेकर चतुर्दशी तक तुलसी विवाह का मुहूर्त होता है। तुलसी जी के पास भगवान विष्णु की भक्ति वनस्पति के सरंक्षण का भाव जागृत करता है। 30 को पूर्णाहुति के साथ कार्तिक मास महात्म्य हो दिया जाएगा विराम

इस दौरान देवी देवताओं से वर्ष पर्यन्त विश्व की सुख समृद्धि की कामना की गई। श्रद्धालुओं के लिए कई तरह के व्यंजनों का लंगर भी लगाया गया। 30 नवंबर को कार्तिक मास की पूर्णिमा पर हवन का आयोजन करके पूर्णाहुति के साथ कार्तिक मास महात्म्य हो विराम दिया जाएगा। इस अवसर पर विपन, चंदन गर्ग, सौरभ, किरण, कंदर्प, बिमला भारद्वाज, दर्शना रानी, सविता सूद, सोहन लाल सराफ, अरूण भारद्वाज, तरूण लूंबा, मोनिका, देवकृष्ण ढंड, जीवन शर्मा, चंद्रमणि शर्मा, प्रकाश देवी, रेणु बाला, दयावंती, स्वर्णा, बिमला, अजीत कुमार, शीला देवी, विमल जैन, लक्ष्मी देवी, नेहा, विनोद कुमार, सुरिदर, सरोज शर्मा, भावना वशिष्ट, अंकुर जैन भी उपस्थित थे।


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