मौत को मात देकर अब खिलखिलाने लगा है सात दिन का शिवम, डाक्टर भी मुस्कराए
डाक्टरों की माने तो शिवम के स्वास्थ्य में तेजी से सुधार हो रहा है। हालांकि अभी भी वह आइसीयू में ही है। उसे पूरी तरह से स्वस्थ होने में थोड़ा टाइम लगेगा। क दिन की बेटी को खोने के बाद स्वजन पूरी तरह से टूट गए थे।
लुधियाना, जेएनएन। सात दिन के मासूम शिवम ने सीएमसी अस्पताल में मौत को मात देकर जिंदगी की जंग जीत ली है। अब उस पर मां की ममता बरस रही। मां से मिले अमृत यानी दूध से उसे धीरे-धीरे नई जिंदगी मिल रही है। अब वह खिलखिलाने लगा है। बेहतर गंभीर हालत में सीएमसी पहुंचे शिवम की बेहतर रिकवरी को देखकर नर्सिंग स्टाफ और डाक्टर भी खुश हैं।
डाक्टरों की माने तो शिवम के स्वास्थ्य में तेजी से सुधार हो रहा है। हालांकि अभी भी वह आइसीयू में ही है। उसे पूरी तरह से स्वस्थ होने में थोड़ा टाइम लगेगा। मां उमा देवी और पिता संतोष ने कहा कि एक दिन की बेटी को खोने के बाद वह पूरी तरह से टूट गए थे। जिसके बाद हर घड़ी ईश्वर से एक ही प्रार्थना कर रहे थे कि अब बेटे को कुछ न हो। बता दें कि सिविल अस्पताल के मदर एंड चाइल्ड अस्पताल के पार्क में 18 फरवरी को धूरी लाइन की रहने वाली उमा देवी की डिलीवरी हुई थी।
उमा ने एक बेटे और एक बेटी को जन्म दिया। जिसके बाद हालत बिगड़ने पर दोनों बच्चों को अस्पताल प्रबंधन ने शाम सात बजे पीजीआइ रेफर कर दिया। दोनों नवजातों को पिता संतोष कुमार रात नौ बजे पीजीआइ लेकर पहुंचे, लेकिन पीजीआइ में दोनों नवजातों को भर्ती करवाने के बाद जब पिता के पास दवाएं खरीदने के लिए पैसे नहीं थे, तो अगली सुबह दोनों नवजातों को गोद में लिए वापस सिविल अस्पताल लौट आए।
बस में दो घंटे के सफर के दौरान दोनों बच्चे इंफेक्शन की चपेट में आ चुके थे। ऐसे में अस्पताल में आते ही दोनों बच्चों की हालत बिगड़ गई, जिसके बाद अस्पताल प्रबंधन ने दोनों नवजातों को सीएमसी अस्पताल में रेफर कर दिया। जहां दो दिन बाद बच्ची ने दम तोड़ दिया जबकि दूसरा बच्चा शिवम आइसीयू में है। सेहत विभाग की ओर से पार्क में प्रसव होने और नवजातों को पहले पीजीआइ और फिर सीएमसी अस्पताल भेजे जाने के मामले की जांच की जा रही है।