स्टेम सेल ट्रांसप्लांट से ठीक हो सकता है थैलेसीमिया : डा. एम जोसेफ
क्रिश्चियन मेडिकल कालेज (सीएमसी) एंड अस्पताल के क्लिनिकल हेमेटोलाजी विभाग हेमेटो-आन्कोलॉजी और बोन मैरो (स्टेम सेल) ट्रांसप्लांटेशन ने बुधवार को आशा की ...और पढ़ें

जागरण संवादददाता, लुधियाना : क्रिश्चियन मेडिकल कालेज (सीएमसी) एंड अस्पताल के क्लिनिकल हेमेटोलाजी विभाग, हेमेटो-आन्कोलॉजी और बोन मैरो (स्टेम सेल) ट्रांसप्लांटेशन ने बुधवार को आशा की किरण नाम से एक दिवसीय संगोष्ठी और जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया। इसका मकसद थैलेसीमिया से पीड़ित रोगियों और परिवार के सदस्यों को यह बताना था कि स्टेम सेल ट्रांसप्लांट प्रक्रिया के जरिए थैलेसीमिया को ठीक किया जा सकता है। इस कार्यक्रम में पंजाब, हरियाणा और गुजरात के विभिन्न जिलों के 100 से अधिक थैलेसीमिया रोगियों और देखभाल करने वालों ने भाग लिया। अधिकांश मरीजों की पहचान एक मुफ्त एचएलए टाइपिग (ह्यूमन ल्यूकोसाइट एंटीजन) कैंप से हुई थी। कार्यक्रम क उदघाटन अस्पताल के निदेशक डॉ. विलियम भट्टी ने किया, जबकि इस दौरान बतौर मुख्य अतिथि डा. प्रवीण सोबती पहुंची। डा. सोबती ने थैलेसीमिया केयर की स्थापना की थी।
क्लीनिकल हेमेटोलाजी विभाग के प्रमुख डा. एम जोसेफ जान ने कहा कि सीएमसी में क्लीनिकल हेमेटोलाजी विभाग की स्थापना 2007 में हुई थी और प्रत्यारोपण कार्यक्रम 2008 में शुरू हुआ था। अब तक संस्थान ने 210 से अधिक प्रत्यारोपण किए हैं, जिसमें थैलेसीमिया रोगियों के लिए 83 प्रत्यारोपण हुए हैं। उन्होंने कहा कि थैलासीमिया से पीड़ित मरीजों को घबराने की जरूरत नहीं है। इलाज की अब अत्याधुनिक तकनीकें व दवाएं आ गई हैं। इसके साथ ही स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के माध्यम से थैलासीमिया बाल सेवा योजना के तहत प्रत्यारोपण के लिए दस लाख रूपये की वित्तीय मदद भी उपलब्ध करवाई जा रही है। प्रत्यारोपण से संबंधित मदद के लिए मरीज व उनके परिजन सीएमसी अस्पताल से संपर्क कर सकते हैं।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।