Move to Jagran APP

Scrap Crisis: पंजाब की स्टील इंडस्ट्री में स्क्रैप की किल्लत बरकरार, 15 दिन में चार हजार रुपये तक बढ़े दाम

Scrap Crisis विदेशों से स्क्रैप न आने की मुख्य वजह विदेशी ग्राहकों के दामों का अंतर बेहद अधिक हो जाता है। आयातिक स्क्रैप पंजाब में 40 हजार रुपये प्रति टन तक मिल रही है जबकि लोकल स्क्रैप के दाम 33 हजार से लेकर 37 हजार रुपये प्रति टन तक है।

By Vipin KumarEdited By: Published: Sun, 25 Jul 2021 09:46 AM (IST)Updated: Sun, 25 Jul 2021 09:46 AM (IST)
Scrap Crisis: पंजाब की स्टील इंडस्ट्री में स्क्रैप की किल्लत बरकरार, 15 दिन में चार हजार रुपये तक बढ़े दाम
पंजाब की फर्नेस इकाइयां प्रोडक्शन करने में हो रही परेशान।

लुधियाना, [मुनीश शर्मा]। पंजाब की सेकेंडरी स्टील इकाइयाें में स्क्रैप की किल्लत शुरू हो गई है। इसके चलते पिछले 15 दिनों में स्टील एवं इंगट के दाम 3500 से चार हजार रुपये प्रति टन तक बढ़ चुके हैं। स्टील उत्पादकों का मानना है कि यह स्थिति तब है, जब बाजार में स्टील की डिमांड अभी सुस्त है और अगर डिमांड में थोड़ी सी भी तेजी आई, तो स्टील इंगट के दाम ओर अधिक बढ़ सकते हैं। इंडस्ट्री पिछले एक साल से कई तरह की परेशानियों का कर रही है। इसमें कोविड के कारण उद्योगों का बंद रहना, बिजली की कमी के कारण कट लगना और अब विदेशों में स्टील निर्यात के चलते भारत में 40 से 70 प्रतिशत दामों का बढ़ जाना शामिल है।

loksabha election banner

विदेशों से स्क्रैप नहीं आने की मुख्य वजह विदेशी ग्राहकों के दामों का अंतर बेहद अधिक हो जाता है। आयातिक स्क्रैप पंजाब में 40 हजार रुपये प्रति टन तक मिल रही है जबकि लोकल स्क्रैप के दाम 33 हजार से लेकर 37 हजार रुपये प्रति टन तक है। लेकिन स्वदेशी स्क्रैप की उपलब्धता मांग के मुताबिक बेहद कम है। जिन कंपनियों के पास विदेशी आर्डर है, वह महंगी स्क्रैप खरीदकर भी काम चला रहे हैं।

स्क्रैप के आयात पर लगी डयूटी की जाए खत्म

फोपसिया के अध्यक्ष बदीश जिंदल ने कहा कि स्क्रैप की आयात निति को आसान बनाने के साथ साथ इस पर लगी डयूटी भी खत्म की जाए। क्योंकि अगर स्क्रैप नहीं आएगी, तो इससे संबधित साइकिल, आटो पार्टस, मशीनरी, इंजीनियरिंग इंडस्ट्री को प्रोडक्शन कर पाना मुश्किल हो जाएगा। इसको लेकर इंडस्ट्री की ओर से केंद्रीय मंत्रालय को भी कई बार लिखा गया है और समय की नजाकत को देखते हुए इंडस्ट्री हित के लिए कदम उठाए जाने की अहम आवश्यकता है।

एक महीने बढ़ रहे दाम

इंडक्शन फर्नेस एसोसिएशन के प्रधान केके गर्ग ने कहा कि स्टील कंपनियों के लिए इस समय काम करना बेहद मुश्किल है। एक महीने में ही दाम चार से पांच रुपये बढ़ गए हैं। इसका मुख्य कारण इंटरनेशनल मार्केट से स्क्रैप का नहीं आना है। सरकार को फिनिशड़ गुड्स पर डयूटी बढ़ाकर स्क्रैप को राहत देनी चाहिए। ताकि भारत की सेकेंडरी और फिनिशड गुड्स इंडस्ट्री काम कर सके। नहीं तो भारतीय उत्पादों की प्रोडक्शन कास्ट इतनी महंगी हो जाएगी कि आने वाले समय में विदेशी आर्डर हाथ से चले जाएंगे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.