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स्कूलों को मिड-डे मील के लिए आलू स्टोर करने का फरमान, शिक्षकों ने किया इन्कार

पंजाब में आलू की पैदावार ज्यादा होने की वजह से किसानों को इनका सही दाम नहीं मिल पा रहा। किसान नेता सरकार पर आलू खरीदने के लिए दबाव बना रहे हैं।

By Pankaj DwivediEdited By: Published: Tue, 15 Jan 2019 03:33 PM (IST)Updated: Tue, 15 Jan 2019 05:19 PM (IST)
स्कूलों को मिड-डे मील के लिए आलू स्टोर करने का फरमान,  शिक्षकों ने किया इन्कार
स्कूलों को मिड-डे मील के लिए आलू स्टोर करने का फरमान, शिक्षकों ने किया इन्कार

लुधियाना, [राजेश भट्ट] : पंजाब में आलू की पैदावार ज्यादा होने की वजह से किसानों को इनका सही दाम नहीं मिल पा रहा। किसान नेता सरकार पर आलू खरीदने के लिए दबाव बना रहे हैं। किसान का आलू खप जाए, इसके लिए अब सरकार ने सभी स्कूलों को आलू स्टोर करने का फरमान जारी कर दिया। विभाग ने अपने आदेशों में कहा है मिड-डे मील की सब्जी के लिए सभी स्कूल अपनी जरूरत के मुताबिक आलू स्टोर कर लें। हालांकि टीचर्स ने जिला शिक्षा विभाग के जरिए विभाग को लिखकर भेजना शुरू कर दिया है कि वे आलू स्टोर नहीं करेंगे। अब तक 60 फीसदी से ज्यादा स्कूल मना कर चुके हैं।

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 मार्कफेड के जरिए स्कूलों में भेजा जाएगा आलू

शिक्षा विभाग के अफसरों का तर्क है कि मिड-डे मील में कम से कम तीन दिन आलू का प्रयोग होता है। आजकल आलू सस्ता है, इसलिए सभी स्कूलों से आलू की डिमांड मांग ली गई। स्कूलों से डिमांड लेकर विभाग मार्कफेड के जरिए स्कूलों में आलू भेजेगा। जिला शिक्षा अधिकारियों ने सभी स्कूल प्रिंसिपलों व हेड मास्टरों से आलू की डिमांड मांगी है।

 जिले के 60 फीसद स्कूलों ने किया आलू लेने से इनकार

शिक्षा विभाग के आदेश के बाद स्कूल प्रिंसिपलों व हेडमास्टरों ने आलू स्टोर करने से साफ मना कर दिया है। अब तक लुधियाना जिले के 60 फीसद स्कूल अपनी डिमांड जीरो लिखकर भेज चुके हैं। जिला शिक्षा विभाग अब रिपोर्ट कंपाइल कर रहा है ताकि इस संबंध में शिक्षा विभाग को लिखकर भेजा जा सके। मिड-डे मील की जिला अकाउंटेंट नाजमा चौधरी ने बताया कि शिक्षा विभाग के आदेशों के मुताबिक ब्लॉकों के जरिए स्कूलों से आलू की डिमांड मांगी थी लेकिन ब्लॉक लेवल से उनके पास आलू की डिमांड नहीं आ रही है।

 पिछले साल आलू खराब होने का नुकसान झेला था टीचर्स ने

पिछले साल भी शिक्षा विभाग ने सरकारी स्कूलों को आलू स्टोर करने के आदेश दिए। विभाग के दबाव के कारण टीचर्स ने आलू स्टोर करके रख लिया था। टीचर्स विभाग को तर्क दे रहे हैं कि पिछले साल जो आलू मार्कफेड के जरिए स्कूलों को दिया गया था, उसकी क्वालिटी भी ठीक नहीं थी। स्टोर में रखे-रखे आलू खराब भी हो गया था, जिसका नुकसान सीधे-सीधे टीचर्स को झेलना पड़ा। गवर्नमेंट एलीमेंटरी टीचर यूनियन के सेखों का कहना है कि पिछले साल टीचर्स को नुकसान झेलना पड़ा। इसके अलावा ज्यादातर स्कूलों में आलू स्टोर करने के लिए जगह भी नहीं है। इसलिए टीचर्स अपनी डिमांड नहीं दे रहे।

1900 टन आलू स्टोर हो सकता है स्कूलों में स्टोर

राज्य के जिन स्कूलों में मिड-डे मील दिया जाता है उनकी गिनती 19000 के करीब है। अगर विभाग प्रति स्कूल एक-एक क्विंटल आलू भी भेजता है तो इससे सूबे भर में 1900 टन आलू स्कूलों में स्टोर हो सकता है। इसके साथ ही आलू उत्पादकों को भी सरकार की तरफ से सही दाम मिल सकेंगे।

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