सिविल अस्पताल में नियमों का उल्लंघन, साढ़े सात बजे तक खुली रही मॉर्चरी
नियमों को ताक पर रख कर सिविल अस्पताल की मॉर्चरी मंगलवार साढ़े सात बजे तक खुली रही।
जेएनएन, लुधियाना। नियमों को ताक पर रख कर सिविल अस्पताल की मॉर्चरी मंगलवार साढ़े सात बजे तक खुली रही। बताया जा रहा है कि करंट से मारी गई महिला के शव का पोस्टमार्टम कराने के लिए थाना दुगरी की एसएचओ आइपीएस ट्रेनी प्रज्ञा जैन पुलिस टीम के साथ वहां डटी रहीं। मगर किसी तकनीकी वजह से वो पोस्टमार्टम नहीं हो सका, जिसके बाद पुलिस की टीम वापस चली गई।
बताया जा रहा है कि मुल्लांपुर निवासी ज्योति (25) दुगरी स्थित मनोज कुमार हांडा की दुकान में पैंकिंग का काम करती है। तलाकशुदा ज्योति की 15 दिन बाद दूसरी शादी होने वाली थी। मंगलवार दोपहर बाद वो लघुशंका के लिए दुकान की छत पर बने बाथरूम में गई। उस समय उसने पैरों में चप्पल नहीं पहनी थी और वहां फर्श गीला था। उसी दौरान वो ऊपर से जा रही हाई वोल्टेज तारों की चपेट में आने से बुरी तरह से झुलस गई। इलाज के लिए उसे पंचम अस्पताल ले जाया गया। मगर वहां डाॅक्टरों ने मृत करार दे दिया। इसके बाद पुलिस ने शव को कब्जे में ले लिया। मामले में पुलिस ने मृतका के भाई राजेश व राजन के बयान पर 174 के तहत कार्रवाई की।
नियमों के अनुसार शाम पांच बजे के बाद मॉर्चरी बंद कर दी जाती है। उसके बाद वहां पोस्टमार्टम नहीं किए जाते। मगर ज्योति के शव का पोस्टमार्टम कराने के लिए न केवल साढ़े 6 बजे मॉर्चरी को खोला गया। बल्कि चर्म रोग के डा. रोहित रामपाल को पोस्टमार्टम के लिए विशेष रूप से बुलाया गया। उधर, साउथ एसीपी जश्नदीप सिंह गिल ने पूछने पर कहा कि कोई समझने में भूल हो गई होगी। जिसके चलते एसएचओ कागजी कार्रवाई करने के लिए वहां गई होंगी।
पोस्टमार्टम करवाने वाली सही नहीं
आइपीएस ट्रेनी एसएचओ प्रज्ञा जैन का कहना है कि हम लोग वहां शव पहुंचाने गए थे। मृतका के परिजनों के पास कोई वाहन नहीं था। इस लिए उन्हें लाने ले जाने की व्यवस्था भी पुलिस ने की थी। पोस्टमार्टम कराने वाली बात सही नहीं है।