प्राकृतिक आपदा में जीवन की खोज कर सकता है रोबोटिक्स स्पाइडर
सीटी यूनिवर्सिटी के अध्यापकों व विद्यार्थियों ने 24 घंटे चलने वाली रोबोटिक्स बनाया है।
जासं, जगराओं :
सीटी यूनिवर्सिटी के अध्यापकों व विद्यार्थियों ने 24 घंटे चलने वाली रोबोटिक्स व ऑटोमेशन लैब में थ्री डी प्रिंटर से रोबोटिक्स स्पाइडर बनाया गया। इसका असल जिदगी में इस्तेमाल किया जा सकता है।
रोबोटिक्स स्पाइडर पर सीटी यूनिवर्सिटी के सहायक प्रोफेसर डॉ.हरप्रीत सिंह ने बताया कि स्पाइडर की चारों टांगें 12 सर्वों मोटर्स से बनाई गई हैं। सारे मोर्ट्स को अरूडिनो नैनो के साथ जोड़ा गया है जिसको ब्लूटूथ से कंट्रोल किया गया है। सबसे खास बात यह है कि 180 डिग्री से ज्यादा घूम सकता है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि पहले फिल्मकार व साहित्यकार कुदरत से प्रेरणा लेकर फिल्म बनाते थे। परन्तु अब इंजीनियर कुदरती रुझानों में दाखिल हो गए हैं। वह जंगली जीवन से प्रेरित होकर रोबोट का डिजाइन कर रहे हैं। रोबोटिक्स स्पाइडर भी उन्हीं प्रेरणाओं पर आधारित है। इस प्रोजेक्ट को बनाने वाली टीम में बीसीए के सत्यम गुप्ता, राजीव मक्कड़ व रमन पनेसर शामिल हैं। स्पाइडर की विशेषताओं में विद्यार्थियों ने कहा कि यह रोबोट मनुष्यों के लिए खतरनाक क्षेत्रों में जाकर उसको सुरक्षित बनाता है। उदाहरण के लिए हम कह सकते हैं रोबोट परमाणु तबाही के बाद बचे लोगों की खोज करना, जंग वाले क्षेत्रों की जांच करना, प्राकृतिक आपदाओं के बाद अस्थिर इमारतों का मुआयना करता है। इसके साथ बम को डिफ्यूज करने का काम करता है।
सीटी यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर डॉ.हर्ष सदावरती ने कहा कि सीटीयू अध्यापकों व विद्यार्थियों को कुछ अलग करने के लिए एक मंच प्रदान करता है। जहां वह नई रिसर्च कर सकते हैं। इसके साथ ही उन्होंने विद्यार्थियों व अध्यापकों को बधाई दी।