Motor Vehicle Act: नाबालिग लाडले को दी बाइक या कार.. तो पापा भी फंसेंगे, लुधियाना में पहली बार कारोबारी पिता पर केस दर्ज
Motor Vehicle Act लुधियाना पुलिस ने भी अब नाबालिग के बाइक और कार चलाते पकड़े जाने पर अभिभावकों पर केस दर्ज करना शुरू कर दिया है। थाना लाडोवाल की पुलिस ने साेमवार काे नाबालिग को कार चलाते पकड़ा था।
जासं, लुधियाना। Motor Vehicle Act: सावधान हो जाएं। घर में बाइक व कार है तो नाबालिग बच्चों को कतई न दें। लाडले की जिद पूरी करने के चक्कर में अब आप भी फंसेंगे। नए मोटर व्हीकल अधिनियम की धारा 180 के तहत अभिभावकों को भी जुर्माने के अलावा माह तक की जेल हो सकती है।
लुधियाना पुलिस ने भी अब नाबालिग के बाइक व कार चलाते पकड़े जाने पर अभिभावकों पर केस दर्ज करना शुरू कर दिया है। थाना लाडोवाल की पुलिस ने सोमवार को एक नाबालिग को कार चलाते पकड़ा और उपकार नगर में रहने वाले उसके पिता अश्विनी नरूला के खिलाफ मोटर व्हीकल एक्ट के तहत केस दर्ज किया है। एएसआइ विक्रमजीत सिंह ने बताया कि पुलिस टीम ने सोमवार को लाडोवाल स्थित नए बने बाईपास पर नाकाबंदी की थी। सामने से आई एक कार पुलिस को देख पीछे ही रुक गई। चालक ने हड़बड़ाहट में कार को मोड़ने की कोशिश की लेकिन इस दौरान कार डिवाइडर से टकरा गई।
कार चलाने वाला किशोर 17 साल का
दस्तावेज चेक करने पता चला कि कार चलाने वाला किशोर 17 साल का है। वह 12वीं कक्षा का छात्र है। वह बिना ड्राइविंग लाइसेंस के अपने दोस्तों को साथ लेकर पिता की कार में घूमने निकला था। उसके पिता अश्विनी नरूला ने उसे बिना लाइसेंस कार चलाने की अनुमति देकर मोटर व्हीकल एक्ट का उल्लंघन किया था, इसलिए उन्हें नामजद किया गया है। अश्विनी का रेडीमेड कपड़ों का कारोबार है।
अब अभिभावक भी होंगे नामजद, जारी रहेगी मुहिम
एडीसीपी ट्रैफिक संदीप शर्मा का कहना है कि लुधियाना में नाबालिग के कार चलाने पर पिता के खिलाफ केस दर्ज किए जाने का यह पहला मामला है। जो भी नाबालिग बाइक व कार चलाता पकड़ा गया उसके अभिभावकों पर केस दर्ज किया जाएगा।
नाबालिग के वाहन चलाने के यह भी हैं नुकसान, इसलिए करें बचाव
- अगर नाबालिग कोई हादसा कर देता है तो उस पर कार्रवाई के अलावा अभिभावकों को भी दंड भुगतना होगा। इसमें पुलिस आइपीसी की धारा-279 के तहत केस दर्ज कर सकती है और गाड़ी को भी जब्त कर सकती है। इसके बाद गाड़ी अदालत की स्वीकृति पर भी छूट सकती है।
- नाबालिग अगर किसी को टक्कर मार दे और वह घायल हो जाए तो उसके खिलाफ आइपीसी की धारा-337 (जख्मी करना) के तहत भी केस दर्ज हो सकता है। दोषी पाए जाने पर उसे सजा भी हो सकती है। अगर घायल की मौत हो जाए तो वही केस धारा-304 ए (लापरवाही से मौत) का बन जाएगा।
- ऐसे किसी भी मामले में पीड़ित पक्ष मुआवजे के लिए भी दावा कर सकता है। अगर गाड़ी का बीमा नहीं है तो मुआवजे का भुगतान गाड़ी मालिक को करना होगा।
- अगर नाबालिग के गाड़ी चलाने से किसी दूसरी गाड़ी को नुकसान होता है तो बीमा कंपनी भी मुआवजे की रकम वाहन मालिक से वसूलती है।