पंजाब डेमोक्रेटिक पार्टी के साथ मिलकर लड़ूंगा लोकसभा चुनाव: जेजे सिंह
पंजाब की जनता के साथ-साथ इन दोनों पार्टियों के मंत्रियों और नेताओं को भी दिखा देंगे कि राजनीति में लोगों की सेवा कैसे की जाती है।
जेएनएन, लुधियाना। पटियाला में मेरा जन्म और पालन पोषण हुआ। इसलिए पटियाला की जनता की सेवा करने की इच्छा से मैंने अकाली व भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ा, मगर मेरी उस इच्छा को तोड़-मरोड़ के पेश किया गया। यह बात पूर्व आर्मी चीफ रिटायर्ड जर्नल जेजे सिंह ने कही। वो यहां पक्खोवाल रोड स्थित ओमेक्स रेजीडेंसी के प्रिसीडियम स्कूल में आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लेने पहुंचे थे। उन्होंने दावे से कहा कि उन्हें हराने की रणनीति पहले से बनाई जा चुकी थी, जिसमें कांग्रेस के साथ अकाली-भाजपा भी मिली हुई थी। मेरे प्रभाव को देखते हुए कैप्टन पटियाला के साथ-साथ लंबी से भी चुनाव लड़े, मगर वहां तो उन्हें हारना ही था। उस चुनाव ने मेरी आंखें खोल कर रख दीं। असलियत अब सामने आई है।
पटियाला और लंबी चुनाव का मैच पहले से ही फिक्स था। अकाली भाजपा को पता था कि कैप्टन अगर लंबी में लड़े तो वो 15-20 हजार वोट खींच लेंगे, जिसका सीधा नुकसान आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार को होगा। जिसे वो जीतने नहीं देना चाहते थे। प्रकाश सिंह बादल लंबी से चुनाव न हारें, इसलिए कैप्टन वहां से खड़े हुए थे। यह दोनों पार्टियां सत्ता लेने के लिए जनता से कहती हैं कि उन्हें उनकी सेवा करनी है, लेकिन सत्ता में आते ही वोटर सेवक बन जाता है और चुनाव जीतने वाले खुद राजा बन जाते हैं।
दोनों पार्टियों के नेता जनता के सामने एक दूसरे को कोसते हैं, लेकिन एकांत में बैठकर जनता की मूर्खता पर हंसते हैं। उनका मानना है कि लोगों के पास उन दोनों पार्टियों के अलावा विकल्प नहीं है। जेजे सिंह ने कहा कि इस बार वो इन दोनों में से किसी भी पार्टी के साथ चुनाव नहीं लड़ेंगे। वो आगामी लोक सभा चुनाव में सुखपाल सिंह खैहरा की पंजाब डेमोक्रेटिक पार्टी से खड़े होंगे। अपनी जीत के बाद वो पंजाब की जनता के साथ-साथ इन दोनों पार्टियों के मंत्रियों और नेताओं को भी दिखा देंगे कि राजनीति में लोगों की सेवा कैसे की जाती है। अरुणाचल प्रदेश में राज्यपाल की टेन्योर के दौरान सियासत के बारे में काफी कुछ जान चुका हूं। मैं फौजी हूं, जिसने 46 साल देश की सेवा की है। मेरे दादा फौज में सिपाही थे। पिता फौज में कर्नल थे। मैं जर्नल बन कर रिटायर्ड हुआ हूं।
पहला सिख आर्मी चीफ बनने पर देश व विदेश में रहने वाले लोगों ने मिठाइयां बांट कर खुशी मनाई थीं। मगर इन पार्टियों ने साजिश के तहत मेरा मजाक बना कर रख दिया। यह पार्टियां मुझ जैसे इंसान को डिजर्व नहीं करतीं। मैं लोगों की सेवा करूंगा और राजनीति में आकर करूंगा।
खुशी होगी जब परनीत कौर हारेंगी
सुखपाल सिंह खैहरा ईमानदारी से काम करने का आश्वासन दे रहे हैं। मैं उनका साथ दूंगा। आम लोगों को इंसाफ देने के लिए लड़ूंगा। मैं चुनाव कहां से लड़ूंगा, उसका अभी फैसला किया जाना बाकी है। पटियाला को डॉक्टर धर्मवीर गांधी जैसा सांसद नहीं मिलेगा। मुझे खुशी होगी अगर परनीत कौर फिर से हारें। उनसे मेरी दुश्मनी नहीं है, मगर जनता की खुशी के लिए मेरी यह कामना है।