सत्संग में आने से होती है आत्मिक आनंद की प्राप्ति : महाराज कमलबीर
इक जोत सत्संग घर में रुहानी सत्संग प्रेम समाज की तरफ से संक्रांति के शुभ अवसर पर सत्संग का आयोजन किया गया।
संस, लुधियाना : इक जोत सत्संग घर में रुहानी सत्संग प्रेम समाज की तरफ से संक्रांति के शुभ अवसर पर सत्संग का आयोजन किया गया। समारोह में महाराज कमलबीर ने प्रवचन करते हुए कहा कि जीवन की पहचान सत्संग में आकर ही होती है। सत्संग में आकर हमारी भागदौड़ खत्म हो जाती है। मन टिक जाता है और हमें आत्मिक आनंद मिलने लगता है। जीवन की पहचान होने पर ही हमें जीने की कलां का पता चलता है। संसार में तो केवल शरीर और मन की पहचान करवाकर इनसे काम लेने की युक्ति बताई जाती है। इन बातों के सहारे चलते हुए हम अपनी शारीरिक और मानसिक शक्ति को जगाते है। परन्तु हमारा ध्यान आत्मा की और नहीं जाता। असली शक्ति तो आत्मा की शक्ति है। आत्म जागृति केवल सत्संग में आकर ही होती है। सत्संग में आकर हमारे जीवन में सार्थकता आती है और हमारी आत्मा जागृत हो जाती है। जब हमारी आत्मा जागृत हो जाती है, तब हम अपने जीवन लक्ष्य की तरफ चल पड़ते है। सत्संग की समाप्ति पर प्रार्थना की गई।