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आइ जोन की अवैध कॉलोनियों को सरकार से मिली राहत, जानें क्या है नई पॉलिसी

लुधियाना के इंडस्ट्रियल जोन में बनीं 2500 से 'यादा अवैध कॉलोनियों को भी सरकार ने पॉलिसी में आशिक तौर पर राहत दे दी।

By JagranEdited By: Published: Mon, 22 Oct 2018 11:46 AM (IST)Updated: Mon, 22 Oct 2018 11:46 AM (IST)
आइ जोन की अवैध कॉलोनियों को सरकार से मिली राहत, जानें क्या है नई पॉलिसी
आइ जोन की अवैध कॉलोनियों को सरकार से मिली राहत, जानें क्या है नई पॉलिसी

राजेश भट्ट, लुधियाना: अवैध कॉलोनियों को रेगुलर करने के लिए पंजाब सरकार ने नई पॉलिसी का नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। सरकार ने नई पॉलिसी में कॉलोनाइजरों और प्लाट होल्डरों को काफी राहत दे दी। इस सब के बीच लुधियाना के इंडस्ट्रियल जोन में बनीं 2500 से ज्यादा अवैध कॉलोनियों को भी सरकार ने पॉलिसी में आशिक तौर पर राहत दे दी। सरकार ने नई पॉलिसी में साफ कर दिया कि इंडस्ट्रियल जोन में बनी अवैध कॉलोनियों को रेगुलर किया जा सकता है, लेकिन इसके लिए पहले मास्टर प्लान में कॉलोनी के एरिया को आइ जोन से बाहर करना होगा। मास्टर प्लान के हिसाब से लुधियाना को अलग-अलग जोन में बाटा गया है, जिसमें से इंडस्ट्रियल (आइ) जोन और रेजीडेंशियल (आर) जोन बनाए गए हैं। रेजीडेंशियल जोन में बनीं कॉलोनियों पर तो नई पॉलिसी लागू हो गई और इसके तहत 19 मार्च 2018 तक की सभी कॉलोनिया रेगुलर हो जाएंगी, जबकि इंडस्ट्रियल जोन में 2013 के बाद बनी कॉलोनियों को इस पॉलिसी में रेगुलर करने का सशर्त प्रावधान रखा गया है। पॉलिसी के मुताबिक उन्हीं कॉलोनियों को रेगुलर किया जा सकेगा, जिनमें 25 फीसद से ज्यादा मकान बन चुके हैं और पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड जिन्हें एनओसी देगा। लुधियाना में आइ जोन जालंधर बाईपास से शुरू होकर निगम लिमिट के बाहर चंडीगढ़ रोड, दिल्ली रोड, साहनेवाल होते हुए जसपाल बागड़ तक जाता है। पंजाब कॉलोनाइजर एसोसिएशन के मुताबिक इस जोन में 2500 के करीब अवैध कॉलोनिया बनी हैं, जिसमें हजारों की तादात में घर बन चुके हैं। मास्टर प्लान के मुताबिक आइ जोन में रेजीडेंशियल कॉलोनिया नहीं बनाई जा सकती हैं। नई पॉलिसी में सरकार का तर्क है कि आइ जोन में ज्यादातर कॉलोनियों में रहने वाले मजदूर वर्ग के लोग हैं। इसलिए उनके साथ ना इंसाफी न हो ऐसे में जहा संभव होगा उस क्षेत्र को आइ जोन से निकालकर आर जोन में कंन्वर्ट कर दिया जाएगा। क्या है आइ जोन व आर जोन

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मास्टर प्लान में इंडस्ट्रियल एरिया के आसपास के क्षेत्र को आइ जोन बनाया गया है, जिसमें किसी भी तरह से रेजीडेंशियल कॉलोनिया नहीं बनाई जा सकतीं। इसका मकसद यह है कि अगर शहर में इंडस्ट्री का विस्तार करना हो तो आसानी से किया जा सके। इसके अलावा आइ जोन में रेजीडेंशियल कॉलोनी में रहने वाले लोगों को स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतें भी हो सकती हैं। आर जोन में ही कोई भी कॉलोनाइजर रेजीडेंशियल कॉलोनी काट सकता है। रेड कैटागिरी में नहीं मिलेगी राहत

इंडस्ट्री में काम करने के लिए लोग दूसरे राज्यों से आए हैं। जो लोग इंडस्ट्री में काम कर रहे हैं उन्होंने इंडस्ट्री के आसपास ही अपने लिए घर बनाने की कोशिश की, जिसका फायदा उठाते हुए कालोनाइजरों ने आई जोन में ही कॉलोनिया काटनी शुरू कर दी। वर्कर्स ने नजदीक के चक्कर में घर खरीद लिए। सरकार ने साफ कर दिया कि जहा संभव होगा वहा राहत दी जाएगी लेकिन रेड कैटागिरी के आसपास किसी भी हाल में कॉलोनी को रेगुलर नहीं किया जाएगा। ग्लाडा के रिकॉर्ड में लुधियाना में 1430 अवैध कॉलोनिया

ग्रेटर लुधियाना डेवलपमेंट अथॉरिटी के रिकार्ड में 1430 अवैध कॉलोनिया हैं, जबकि ग्राउंड पर इनकी संख्या कहीं ज्यादा है। कॉलोनाइजरों का कहना है कि ग्लाडा की सूची में सिर्फ वही कॉलोनाइजर हैं जिन्होंने पहले रेगुलर होने के लिए आवेदन किया था, जबकि इससे कहीं ज्यादा लोग ऐसे हैं कि उन्होंने कॉलोनिया रेगुलर करने के लिए 2013 में भी आवेदन नहीं किया था।


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