नियमों की उड़ रही धज्जियां, नंबरप्लेट और लेडी अटेंडट के बिना ही सड़कों पर दौड़ रहे स्कूल वाहन ludhiana news
दो दिन से सेक्रेटरी आरटीए एसडीएम ट्रैफिक पुलिस स्कूली वाहनों के खिलाफ जोरशोर से अभियान चलाए है। सैंकड़ों की संख्या में वाहनों के चालान काटे गए व दर्जनों वाहनों को जब्त किया है।
लुधियाना, राजेश शर्मा। दो दिन से सेक्रेटरी आरटीए, एसडीएम, ट्रैफिक पुलिस स्कूल वाहनों के खिलाफ जोर-शोर से अभियान चलाए हुए है। सैकड़ों की संख्या में वाहनों के चालान काटे गए व दर्जनों वाहनों को जब्त कर लिया गया। सख्त कार्रवाई का स्कूल वाहनों पर क्या असर हुआ इसकी हकीकत जानने के लिए दैनिक जागरण ने ग्राउड रिपोर्ट लाइव की। इसके तहत दो पहिया वाहन पर एक स्कूली बस का पीछा करते हुए देखा गया कि अभी भी वह सेफ स्कूल वाहन पॉलिसी की कितनी वॉयलेशन कर रहा है।
बिना नंबरप्लेट के बस, लेडी अटेंडट भी नदारद
मॉडल टाउन से गुजर रही स्कूल बस, जिस पर फॉर डीएवी स्कूल पखोवाल लिखा हुआ था, उसका पीछा दोपहिया वाहन पर किया गया। बस की बैकसाइड पर नंबर प्लेट ही नहीं लगी थी। सेफ स्कूल वाहन पॉलिसी के तहत बस में लेडी अटेंडट होना आवश्यक है, लेकिन इस नियम को भी इस बस ने पूरा नहीं किया। मॉडल टाउन से होते हुए बस बीसीएम स्कूल के सामने से होती हुई श्री गुरु तेग बहादुर अस्पताल की बैकसाइड पर पहुंच गई। बस रुकी व कंडक्टर ने बच्चे को हाथ पकड़कर उतारा और बच्चा गली में अपने घर की तरफ चला गया। वहां से तीन चार गलियों से छात्रों को उतारते हुए बस इलाके में घूमती रही। सकारात्मक बात यह रही कि प्रत्येक छात्र को उतारने की प्रक्रिया कंडक्टर ने ठीक ढंग से पूरी की।
दुगरी रोड पर पहुंचते ही बस की गति हो गई 60 किलोमीटर
शास्त्री नगर के विभिन्न इलाकों से होते हुए बस दीप अस्पताल के सामने से होते हुए चार खंभा चौक पहुंच गई। इस दौरान विंडो ग्लास खुले हुए थे, जिसमें से बच्चे सिर निकाल रहे थे तो कोई बाजू बाहर निकाल रहा था। बस वहां से मॉडल टाउन श्मशानघाट रोड से होते हुए बस दुगरी रोड पर पहुंची। दुगरी रोड पर पहुंचते ही बस की गति एकाएक बढ़ती चली गई। 60 किलोमीटर गति से दौड़ रही बस इसके बाद आत्मनगर इलाके में पहुंच गई। यहां भी जिस भी बच्चे को बस से उतारा कंडक्टर ने उसका हाथ पकड़कर या तो घर तक पहुंचाया या फिर वहीं पर इंतजार कर रहे स्वजनों के हवाले किया।
सीट के नीचे बॉक्स में रखी थी अधूरी फर्स्टएड किट
आत्मनगर के विभिन्न इलाकों से गुजरते हुए कंडक्टर ने खुले हुए विंडो ग्लास बंद कर दिए। इसके बाद बस धूरी लाइन इलाके की तरफ हो चली। वहां जागरण टीम बस के अंदर पहुंची तो पाया कि लेडी अटेंडट नहीं थी। फर्स्ट एड किट बाबत पूछा तो ड्राइवर ने सीट की गद्दी उठाई इसके नीचे लगे बाक्स में से आधी अधूरी फर्स्टएड किट निकाल दिखा दी, जबकि नियम के तहत इस किट को ऐसी जगह फिक्स किया जाना चाहिए जो सबकी नजर में रहे। अग्निशमन यंत्र के बारे में पूछा तो बस के एक किनारे पर पड़े पुराने से सिलेंडर को दिखा दिया। नंबर प्लेट पूछी तो ड्राइवर ने कहा लगी है। फिर बस से उतरकर चेक किया और बोला कि कही गिर गई होगी।