डॉक्टरों ने मुंह के रास्ते बाहर निकाला आठ सेंटीमीटर लंबा ट्यूमर
सीटी स्कैन में सही जगह पता चलने के बाद डॉक्टरों ने ट्यूमर को निकालने के लिए मुंह के रास्ते दुर्लभ सर्जरी करने का निर्णय लिया।
जेएनएन, लुधियाना। टिब्बा रोड निवासी राजिंदर कुमार को पिछले कई महीनों से सांस लेने और नींद न आने की समस्या थी। उनकी हालत लगातार बिगड़ती ही जा रही थी। जब वह जांच करवाने के लिए सीएमसी अस्प्ताल पहुंचे तो ईएनटी डॉक्टर हैरान रह गए। क्योंकि राजिंदर के सांस, खाने और आवाज के रास्ते में आठ सेंटीमीटर का ट्यूमर था। जो कि एक प्री टर्म बच्चे के सिर के सामान था। इस वजह से राजिंदर के मुंह में सूजन हो गई थी, जिससे सांस लेने में दिक्कत होती थी। यह बहुत ही दुर्लभ मामला था। इसलिए सीटी स्कैन करवाया गया, जिससे की ट्यूमर की सटीक जगह का पता चल सके। सीटी स्कैन में सही जगह पता चलने के बाद डॉक्टरों ने ट्यूमर को निकालने के लिए मुंह के रास्ते दुर्लभ सर्जरी करने का निर्णय लिया।
सर्जरी करने के बाद डॉक्टरों की टीम मरीज राजिंदर के साथ।
सर्जन डॉ. आशीष के अनुसार सर्जरी काफी रिस्की थी। क्योंकि इस ट्यूमर को हटाने के दौरान आवाज को स्थायी नुकसान होने व भोजन नली में चोट लगने का रिस्क रहता है, लेकिन टीम ने मुंह के रास्ते ट्यूमर निकालने की दुर्लभ सर्जरी की। मुंह के रास्ते ट्यूमर को निकालने से दर्द कम होता है। जख्म जल्दी ठीक होता है। इस तरह की सर्जरी दुनिया में बहुत कम ही होती है। ज्यादातर जगहों पर इस तरह के ट्यूमर को गर्दन पर कट लगाकर निकाला जाता है।
डॉ. आशीष के अनुसार सर्जरी के चौथे दिन ही राजिंदर को छुट्टी दे दी गई। अब वह खा पी रहा है। बातचीत भी कर रहा है। उसकी आवाज में भी कोई बदलाव नहीं आया। फैट सैल ग्रो होने से बना ट्यूमर डॉ. आशीष के अनुसार इतना बड़ा लाइफोमा का ट्यूमर एकदम से नहीं बनता। यह बहुत धीरे-धीरे बनता है। यह फैट सेल से ग्रो हुआ। फैट सेल किसी जगह पर एबनॉर्मल ग्रोथ होने पर बनते हैं। रा¨जदर को पिछले कई सालों से गले में दर्द व सूजन की शिकायत थी। अगर वह शुरू में ही किसी अच्छे ईएनटी विशेषज्ञ से जांच करवा लेता तो इतना बड़ा ट्यूमर नहीं बनता।