पटाखे व पराली के धुएं से बारिश ही दिलाएगी राहत, जानें कब बरसेंगे मेघ
पटाखों और पराली के जलाने से निकले धुएं से बारिश ही राहत दिलाएगी। मौसम विभाग के अनुसार लुधियान में 14 नवंबर को बारिश हो सकती है।
जागरण संवाददाता, लुधियाना। शहर की आबो हवा में अब भी पटाखों व पराली का धुआं घुला हुआ है। शाम ढलते ही पराली व पटाखों के धुएं की गंध सांस के रोगियों की परेशानी बढ़ा रहा है। धुएं की गंध की वजह से रोगियों को गले में बहुत ज्यादा ईरीटेशन, खांसी व सांस फूलने की शिकायत हो रही है। लगभग सभी अस्पतालों में सांस के रोगियों की संख्या बढ़ गई है। ऐसे में मौसम विशेषज्ञों का मानना है कि अगर बारिश हो जाए, तो हवा में तैर रहा प्रदूषण जमीन पर आ जाएगा। जिससे श्वास रोगियों को काफी राहत मिलेगी।
मौसम विशेषज्ञों की मानें तो सूबे में 13 नवंबर से आसमान में बादल छाए रहने के साथ हल्की बारिश के आसार है। इंडिया मैट्रोलॉजिकल डिपार्टमेंट चंडीगढ़ के पूर्वानुमान के अनुसार फिरोजपुर, अमृतसर, बठिंडा, जालंधर व कपूरथला में 13 नवंबर से बादल छाएंगे। 14 नवंबर को बारिश और धूल भरी हवाएं चलने के आसार हैं। 15 से 17 नवंबर तक बादल छाएं रहेंगे। जबकि लुधियाना व पटियाला में 14 नवंबर को बारिश का पूर्वानुमान है। उसके बाद मौसम के साफ रहने की संभावना जताई गई है। अगर पूर्वानुमान सही साबित होता है तो इससे कुछ दिनों के लिए शहर के लोगों को प्रदूषण से राहत मिलेगी। पंजाब कृषि विश्वविद्यालय की मौसम वैज्ञानिक डॉ. केके गिल के अनुसार अगर हल्की बारिश भी होती है, तो इससे हवा में तैर रहे धूल कणों में कमी आएगी।
श्वास के रोगी घर से बाहर कम निकलें
मोहनदेई ओसवाल अस्पताल के छाती रोग विशेषज्ञ डॉ. प्रदीप कपूर के अनुसार दीपावली पर चले पटाखों व पराली जलाने की वजह से वायुमंडल में धूल कणों की मात्रा काफी बढ़ गई है। जिसकी वजह से आजकल अस्थमा के काफी मरीज आ रहे हैं। पहले से दो व तीन गुणा ज्यादा है। मरीज भी गंभीर स्थिति में आ रहे हैं। मरीजों को दवा की डबल डोज देनी पड़ रही है। श्वास रोगियों से यहीं कहना है कि जब तक बारिश नहीं होती, तब तक ज्यादा समय घर में ही बिताएं। चेहरे को कवर करके रखें। घर से बाहर जाना पड़े, तो मास्क पहन कर जाएं। पानी ज्यादा पीएं। इससे शरीर में जितने भी विषैले तत्व होंगे वह बाहर निकल आएंगे। सबसे अहम कि ठंड से बच कर रहें। वायरल इंफेक्शन होने पर समस्या काफी बढ़ जाती है।