आलू, मटर व गेहूं की फसल को बचाने के लिए किसान पानी निकालने में लगे
तीन दिनों से हो रही भारी बारिश के कारण किसानों की फसलों को नुकसान हुआ है। आलू मटर व गेहूं की फसल पानी में डूबी देख किसानों को अपनी मेहनत की कमाई भी डूबती नजर आ रही है।
संसू, श्री माछीवाड़ा साहिब : तीन दिनों से हो रही भारी बारिश के कारण किसानों की फसलों को नुकसान हुआ है। आलू, मटर व गेहूं की फसल पानी में डूबी देख किसानों को अपनी मेहनत की कमाई भी डूबती नजर आ रही है। माछीवाड़ा इलाके की बात करें तो यहां का ढाहा क्षेत्र जहां ज्यादातर किसान आलू, मटर, सरसों की खेती करते हैं, परन्तु बारिश ने इन को भारी नुकसान पहुंचाया है।
इन फसलों की काश्त करने वाले किसान नंबरदार हरमिदर सिंह गिल, जगीर सिंह लौंगिया, हैपी गिल, राजविदर सिंह, गुलजिदर सिंह गिल, लखविदर सिंह, सोम सिंह, हरी सिंह, सुरमुख सिंह, हरजीत सिंह, अमरीक सिंह धारनी, अमरीक सिंह धालीवाल ने बताया कि पहले तो यूरिया खाद न मिलने कारण गेहूं व अन्य फसलों की बीजाई देरी से हुई और ऊपर से अब बारिश ने इतनी मार पड़ी कि फसल तबाही किनारे पहुंच गई। उन्होंने कहा कि बारिश का प्रभाव सीधा झाड़ पर पड़ेगा जिस से सभी किसानों को बड़ा आर्थिक नुकसान होगा। कई जगह किसान आलू के खेतों में से पानी निकालते दिखाई दिए जिससे कुछ हद तक फसलों को बचाया जा सके।
दूसरी तरफ माछीवाड़ा इलाके का बेट क्षेत्र जहां ज्यादातर किसान गेहूं व गाजर की काश्त करते हैं, बारिश के कारण हालात यह हैं कि दोनों फसलें पानी में डूबी हैं और किसान जेसीबी मशीन लगा कर खेतों में गड्ढे खोद पानी निकाल रहे हैं जिससे इन को भी बचाया जा सके। इसके अलावा मटर, सरसों व गोभी की फसल को भी नुकसान हुई है। बारिश कारण जहाँ सरसों की फसल के फूल झड़ रहे हैं वहाँ गोभी व गाजर का झाड़ भी घट सकता है। आजकल माछीवाड़ा इलाके में गाजर व आलू की खुदाई जोरों पर चलती थी परन्तु बारिश ने किसानों की आशयों पर पानी फेर कर रख दिया। इस भारी बारिश के कारण बाजारों में सब्जियों के भाव आसमान पर चढ़ने की संभावना है क्योंकि कुछ खेत तो खराब हो गए और जो फसल बची है वह देरी के साथ मार्केट में आएगी। उक्त किसानों ने मांग की कि बारिश के कारण जो फसलें खराब हुई हैं उन की गिरदावरी करवा कर मुआवजा दे क्योंकि किसानी तो पहले ही आर्थिक मंदहाली में से गुजर रही है।