संगरूर में पीडब्ल्यूडी के नोटिस से उद्योगपतियों में हड़कंप, सामूहिक रूप से लिया टैक्स न भरने का फैसला
उद्योगपतियों को लाखों रुपये के रोड टैक्स भरने के लोक निर्माण विभाग के नोटिस के बाद उद्योगपतियों में हड़कंप मच गया है। संगरूर डिस्ट्रिक्ट इंडस्ट्री चैंबर ने नोटिस के बाद आपात बैठक बुलाकर उक्त टैक्स को न भरने का सामूहिक रूप से निर्णय लिया है।
संवाद सूत्र, सुनाम ऊधम सिंह (संगरूर) । पंजाब के लोक निर्माण विभाग द्वारा उद्योगपतियों को लाखों रुपये के रोड टैक्स भरने के जारी किए नोटिस से पूरे उद्योग जगत में हड़कंप मच गया है। संगरूर डिस्ट्रिक्ट इंडस्ट्री चैंबर ने लोक निर्माण विभाग के इस फैसले पर कड़ा एतराज जताते हुए उक्त टैक्स न भरने का निर्णय लिया है।
विरोध के चलते सरकार ने नोटिस वापस लेने का वादा किया था
चैंबर की आपात बैठक चेयरमैन डा. एआर शर्मा, जिला अध्यक्ष संजीव चोपड़ा, उप-चेयरमैन घनश्याम कांसल व महासचिव एमपी सिंह के नेतृत्व में हुई। बैठक में बताया गया कि तीन वर्ष पहले लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी), पंजाब ने वाणिज्यिक संपत्तियों जैसे पेट्रोल पंप, मैरिज पैलेस, होटल, इंडस ट्रायल यूनिट, निजी स्कूलों व अस्पतालों के मालिकों से रोड एक्सेस चार्ज के संबंध में एक अधिसूचना जारी की थी। तब की कांग्रेस सरकार ने उघोगपतियों के विरोध के चलते उक्त फैसला वापस लेने का वादा किया था, लेकिन तीन वर्ष बाद विभाग ने नोटिस जारी किए हैं। अब विभिन्न श्रेणियों के तहत लाखों में शुल्क वसूल करने के लिए विभिन्न इकाइयों को भेजा जा रहा है। राज्य में कई उद्योग मालिकों को पीडब्ल्यूडी से नोटिस मिलना शुरू हो गया है, जिसमें उन्हें हर पांच वर्ष में 1.5 लाख रुपये से लेकर 6 लाख रुपये तक के आवर्ती सड़क पहुंच शुल्क का भुगतान करने के लिए कहा गया है। उद्योगपतियों का कहना है कि 10 से 15 साल पहले ली गई अनुमतियों के लिए लगाए जा रहे शुल्क किसी लिहाज से वाजिब नहीं है।
पिछले समय के टैक्स के लिए नोटिस जारी करने का औचित्य नहींः डा. एआर शर्मा
डा. एआर शर्मा ने कहा कि पिछले समय के टैक्स भरने के नोटिस जारी करना का तो कोई औचित्य नहीं है। संगरूर डिस्ट्रिक्ट इंडस्ट्री चैंबर ने सामूहिक रूप से इस टैक्स को नहीं भरने का फैसला लिया है। मामले को लेकर मुख्यमंत्री पंजाब व संबंधित विभागीय अधिकारियों से मुलाकात का फैसला लिया गया। वाइस चेयरमैन घनश्याम कांसल ने कहा कि पेट्रोल पंप मालिकों ने इस मामले में अदालत से स्टे हासिल कर ली है। यदि विभाग ने उघोगों से बेइंसाफ़ी बंद नहीं की तो पंजाब स्तर पर एकजुट होकर कानूनी कार्रवाई करने की रूपरेखा तैयार की जाएगी। इस मौके पर लहरागागा के अध्यक्ष भारत भूषण गर्ग, मूनक के अध्यक्ष भीम सेन गर्ग, सुनाम के अध्यक्ष राजीव मक्खन, संगरूर के अमन जख्मी, धूरी के संजीव गोयल, मालेरकोटला के सजीव सूद आदि हाजिर रहे ।
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