पंजाब में कैदियों तक नशा पहुंचाने वाला ASI गिरफ्तार, एक बार सप्लाई के लेता था 5 हजार रुपये
नशा तस्कर चाय वाले के पास नशीले पदार्थ लाकर रखते थे। एएसआइ बलवीर सिंह चाय पीने के बहाने उसके पास से नशा लाकर बख्शीखाने में कैदियों को दे देता था। वह एक बार नशा लाने के पांच हजार रुपये लेता था।
जागरण संवाददाता, लुधियाना। केंद्रीय जेल में नशा तस्करी के एक बड़े नेटवर्क का राजफाश हुआ है। कैदियों को अदालत में पेश कर वापस जेल तक पहुंचाने वाला एएसआइ, अदालत परिसर में चाय बेचने वाला और एक विचाराधीन कैदी नशीले पदार्थों की तस्करी में लगे हुए थे। स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने पुलिस लाइन में तैनात एएसआइ बलवीर कुमार, अदालत परिसर में चाय बनाने वाले मोहम्मद अनवारुल उर्फ राजू चाय वाला और विचाराधीन कैदी बंटी कुमार उर्फ बच्ची को काबू किया है।
इन सभी से पूछताछ जारी है ताकि तस्करी में संलिप्त अन्य लोगों का पता लगाया जा सके। एएसआइ बलवीर सिंह जालंधर के गढ़ा इलाके के रहने वाला है। वह एक बार नशा मुहैया करवाने के लिए पांच हजार रुपये लेता था।
एसटीएफ के एआइजी स्नेहदीप शर्मा ने बताया कि सूचना के आधार पर 15 सितंबर को केंद्रीय जेल में बंटी कुमार से 600 प्रतिबंधित गोलियां बरामद हुई थीं। पुलिस ने जब उसे प्रोडक्शन वारंट पर लेकर पूछताछ की तो पता चला कि उसे यह गोलियां पुलिस लाइन में तैनात एएसआइ बलवीर सिंह ने दी थीं। इस पर पुलिस ने उससे भी पूछताछ की तो राजू चाय वाले का नाम भी सामने आया।
एसटीएफ की जांच में अभी तक सामने आया है कि नशा तस्कर चाय वाले के पास नशीले पदार्थ लाकर रखते थे। एएसआइ बलवीर सिंह ये नशा वहां से ले जाकर बख्शीखाने में कैदियों को दे देता था। इसके बाद कैदी वहां से नशे को प्राइवेट पार्ट में छिपाकर जेल में ले जाते थे। जेल से बरामद हुई गोलियां आकाश नामक कैदी को दी जानी थीं। बताया जा रहा है कि वह जेल में बंद कैदियों को महंगे दाम पर यह गोलियां बेचता था।
तीन महीने से चल रही थी तस्करी
एसटीएफ की जांच में पता चला है कि ये गिरोह बीते तीन महीने से जेल में नशे की तस्करी कर रहा था। बलवीर सिंह को पांच महीने पहले पुलिस लाइन में तैनात किया गया था। वह पिछले तीन महीने से लगातार कैदियों को जेल से अदालत और अदालत से जेल लेकर जाने की ड्यूटी कर रहा था। वह कैदियों को बख्शीखाने में बंद करवाने के बाद चाय वाले के पास चाय पीने के बहाने जाता था और वहां से नशा लाकर कैदी को देता था।