Punjab Power Crisis: धान के सीजन से पहले हांफने लगे सरकारी थर्मल प्लांट, 880 मेगावाट बिजली उत्पादन प्रभावित
Punjab Power Crisis पंजाब में भीषण गर्मी में बिजली संकट लगातार गहरा रहा है। हालत यह है कि रोपड़ और लहरा मोहब्बत थर्मल प्लांट के कुल 8 यूनिटों में से 4 यूनिटाें में उत्पादन पूरी तरह से ठप हाे गया है।
जागरण संवाददाता, पटियाला। Punjab Power Crisis: धान के सीजन से पहले ही राज्य के सरकारी थर्मल प्लांट हांफने लग गए हैं। रोपड़ और लहरा मोहब्बत थर्मल प्लांट के कुल 8 यूनिटों में से 4 यूनिट बंद पड़े हैं, जबकि सिर्फ 4 यूनिट ही बिजली उत्पादन कर रहे हैं। इन दोनों थर्मल प्लांटों की मेंटेनेंस पर करोड़ों रुपये खर्च करने के बाद भी बुधवार को कुल 1760 मेगावाट क्षमता के सरकारी थर्मल प्लांटों से 798 मेगावाट पावर जेनरेशन ही हुई। इससे पहले मंगलवार को दोनों प्लांटों की स्थिति ज्यादा खराब थी जब इनके पांच यूनिट बंद थे और 597 मेगावाट पावर जेनरेशन ही हुई थी।
सरकारी थर्मल प्लांटों की मेंटेनेंस पर करोड़ों खर्च
सरकारी सेक्टर वाले लहरा थर्मल का पक्का खर्च (फिक्सड कास्ट) साल 2020 में 477.24 करोड़ रुपये और रोपड़ में 503.45 करोड़ रुपये तय की गई थी, जिससे कुल खर्च 980.69 करोड़ रुपये हो गया। दोनों प्लांट उस साल पांच महीने के लिए बंद रहे और बाकी बचे 7 महीनों में लहरा प्लांट ने 823.86 मिलियन यूनिट और रोपड़ प्लांट ने 811.93 मिलियन यूनिट बिजली पैदा की। इसी प्रकार वर्ष 2021 में लहरा मोहब्बत प्लांट तीन माह तक चला और इस पर 533.64 करोड़ रुपये की फिक्सड कास्ट और रोपड़ के लिए यह कास्ट 565.05 करोड़ रुपये रही।
बुधवार को प्राइवेट सेक्टर के थर्मलों ने की बेहतर पावर जेनरेशन
राज्य के तीन प्राइवेट थर्मल प्लांटों ने बुधवार को बेहतर पावर जेनरेशन की। इनमें राजपुरा ने जहां 1332 मेगावाट बिजली पैदा की वहीं, तलवंडी साबो ने 1693 मेगावाट बिजली पैदा की। गोइंदवाल साहिब के एक यूनिट से 227 मेगावाट बिजली मिली।
गुरु गोबिंद सिंह थर्मल प्लांट के तीन यूनिट चालू
संवाद सूत्र, घनौली। पंजाब में गर्मी की वजह से बढ़ रही तपिश के कारण बिजली की मांग भी लगातार बढ़ रही है। बढ़ी मांग के मद्देनजर पंजाब भर के थर्मल प्लांट के यूनिटों की रफ्तार भी बढ़ने लगी है। थर्मल प्लांट रूपनगर के प्रबंधकों ने 3 नंबर यूनिट को चालू कर दिया है, जबकि खराब हुए पांच नंबर यूनिट की मरम्मत जारी है।