Punjab Power Crisis: मुख्यमंत्री की अपील के बाद, मिनी सचिवालय, रेलवे दफ्तरों, पीएयू में एसी रखे बंद, बिजली कटौती से इंडस्ट्री में उत्पादन ठप
एक लाख से अधिक उद्योगों वाले शहर लुधियाना के कारखानों में शुक्रवार को बिजली आपूर्ति ठप होने के चलते प्रोडक्शन को बंद करना पड़ा। मात्र 2% यूनिट ही जरनेटर पर चलाए जा रहे हैं। कई यूनिटों ने दो दिन का अवकाश घोषित कर दिया है।
लुधियाना, जासं/एएनआइ। पंजाब में बिजली संकट गहराने के बाद वीरवार को मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने सरकारी कार्यालयों में सुबह 8 से लेकर दोपहर 2 बजे तक काम करने और एसी आदि बंद रखने की अपील की थी। इसके बाद शुक्रवार को पंजाब कृषि विश्वविद्यालय में एसी बंद रखे गए। पीएयू निदेशालय के रविंदर ने कहा कि सभी कार्यालयों में आदेशों का पालन करते हुए एसी बंद कर दिए गए हैं और केवल पंखों का प्रयोग किया जा रहा है।
मिनी सचिवालय में भी सभी कार्यालयों में एसी बंद रहे। लुधियाना के डीसी वरिंदर कुमार शर्मा, पुलिस कमिश्नर राकेश अग्रवाल, पीएयू के डायरेक्टर रविंदर, पावरकॉम मुख्य कार्यालय में चीफ इंजीनियर भूपिंदर खोसला आदि ने अपने कार्यालयों में एसी बंद रखा। वहीं, लुधियाना रेलवे में पहले से ही सभी कार्यालयों में एसी का उपयोग नहीं करने को लेकर निर्देश जारी है। बाजवा नगर स्थित होजरी एसोसिएशन के प्रधान दर्शन रावल, वरिष्ठ उपप्रधान डिंपल मदान ने भी अपने कार्यालय का ऐसी बंद रखने के साथ अन्य उद्यमियों को एसी बंद रखने का आह्वान किया। बड़ी संख्या में प्रबुद्ध नागरिकों ने भी अपने कार्यालयों और घरों में एसी बंद रखे।
कारखानों में उत्पादन ठप
इधर, कोविड-19 बाद पंजाब में गहरा रहे बिजली के संकट ने 2 दिन से कारखानों की मशीनों के चक्के जाम कर दिए हैं। एक लाख से अधिक उद्योगों वाले शहर लुधियाना के कारखानों में शुक्रवार को बिजली आपूर्ति ठप होने के चलते प्रोडक्शन को बंद करना पड़ा। मात्र 2% यूनिट ही जरनेटर पर चलाए जा रहे हैं। जबकि जरनेटर से महंगे डीजल डालकर कारखानों को चलाने के लिए इंडस्ट्री खुद को असमर्थ बता रही है। इसी के चलते बहुत से कारखानों में 2 दिन के लिए अवकाश घोषित कर दिया गया है। कुछ यूनिटों में केवल पैकेजिंग का काम किया जा रहा है।
इंडस्ट्री को डर सता रहा है कि अगर यह हालात तीन-चार दिन और रहे तो सारी सप्लाई चेन टूट जाने से कारखाने पूर्ण रूप बंद हो जाएंगे। वैसे भी सरकार ने स्टील यूनिटों पर पूर्ण पाबंदी लगा दी है। स्टील से संबंधित कच्चा माल ना आने के चलते इंजीनियरिंग इंडस्ट्री को प्रोडक्शन के लिए मुश्किल का सामना करना पड़ेगा। ऐसे में स्टील से संबंधित कच्चे माल बेचने वाले कालाबाजारी करने लगेंगे। बिजली के कटों ने शहर की इंडस्ट्री को पूर्ण रूप से बंदी की ओर धकेल दिया है।
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