किसान आंदोलन के बीच पंजाब में मालगाड़ियों के संचालन से हौजरी कारोबार में बहार, बिना सेल के सीजन पार
हौजरी के गढ़ लुधियाना ने पिछले साल की तुलना में तीस प्रतिशत तक कम प्रोडक्शन की है। इस साल सर्दी भी जमकर पड़ी और हिमाचल जम्मू कश्मीर उतराखंड दिल्ली और यूपी से हौजरी इंडस्ट्री को बंपर आर्डर मिले।
लुधियाना, [मुनीश शर्मा]। पिछले पांच सालों से हौजरी कारोबार में जान फूंकने वाला सेल पैटर्न इस साल हौजरी ने नहीं अपनाया और बेहद कम कंपनियों की ओर से ही सेल लगाई गई। इसका मुख्य कारण इस बार कोविड सहित विभिन्न समस्याओं के चलते कम प्रोडक्शन रहा है। इस साल हौजरी के गढ़ लुधियाना ने पिछले साल की तुलना में तीस प्रतिशत तक कम प्रोडक्शन की है और बात मौसम के मिजाज की करें, तो सर्दी भी जमकर पड़ी और हिमाचल, जम्मू कश्मीर, उतराखंड, दिल्ली और यूपी से हौजरी इंडस्ट्री को बंपर आर्डर मिले।
भले ही किसान आंदोलन के चलते डिस्पैचिंग एक बड़ी समस्या रही। लेकिन रेलवे की ओर से ट्रेनें आरंभ कर ज्यादा माल गाड़ियां मुहैया करवाने से हौजरी के पीक सीजन को राहत मिली। ऐसे में इस साल बेहद ही कम कंपनियों की ओर से सेल लगाई गई और कम प्रोडक्शन के कारण गारमेंट्स की बिक्री अच्छी रही। लुधियाना हर साल 15 हजार करोड़ रुपए का कोराबार करता है। जोकि इस साल भले ही एक हजार करोड़ रुपए तक सिमिट गया। लेकिन जिसने जितना मैटीरियल बनाया उतनी सेल हो जाने से राहत की सांस ली।
किसान आंदोलन के बीच बढ़ी डिस्पैचिंग की समस्या, मार्जिन हुए कम
निटवियर एवं टैक्सटाइल क्लब के प्रधान विनोद थापर के मुताबिक यह साल हौजरी के लिए भले ही पिछले साल की तुलना में थोड़ा कम आमदनी वाला रहा। क्योंकि इस साल प्रोडक्शन कास्ट अधिक रही और किसान आंदोलन से डिस्पैचिंग की समस्या के चलते मार्जिन कम हो गए। लेकिन बावजूद इसके इस साल पिछले सालों की तुलना प्रोडक्शन तीस प्रतिशत कम होने से कारोबार दस हजार करोड़ में सिमट गया। जोकि हर साल 15 हजार करोड़ रुपए का रहता था।
सर्दी ने दी राहत की सांस
अमीश इंटरप्राइजिज के एमडी अमित नागपाल के मुताबिक इस साल सेल पैटर्न की बजाए ही कंपनियों को अच्छा काम मिला। इस साल इंडस्ट्री को डर था कि कोविड के चलते बिक्री नहीं हो पाएगी। ऐसे में सारी इंडस्ट्री ने पिछले साल की तुलना में कम प्रोडक्शन की थी। लेकिन अच्छी सर्दी और डिमांड बढ़ने से हौजरी ने राहत की सांस ली है। जो अगले साल की प्रोडक्शन के लिए अहम सहयोगी होगा।