Ludhiana Industry: पंजाब सरकार का पांच रुपये बिजली का वायदा नहीं हुआ पूरा, जानें कारण
Electricity News फेडरेशन आफ इंडस्ट्रीयल एवं कमर्शियल आर्गनाइजेशन फीको के प्रधान गुरमीत सिंह कुलार ने कहा कि इंडस्ट्री को पांच रुपये प्रति यूनिट बिजली देने का वायदा किया गया था। लेकिन कुछ बड़े युनिट्स को छोड़कर जरूरतमंद एमएसएमई इंडस्ट्री को पांच रुपये प्रति यूनिट नहीं मिल पाई।
जागरण संवाददाता, लुधियाना। Electricity News: पंजाब में सत्ता परिवर्तन के दौरान कई बड़े-बड़े वायदे तो किए जाते हैं, लेकिन इसे पूरा न कर इंडस्ट्री के साथ धोखा किया गया है। पंजाब की मौजूदा कांग्रेस सरकार की ओर से चुनावों के दौरान इंडस्ट्री को पांच रुपये बिजली देने का वायदा किया गया था। लेकिन यह वायदा केवल चुनावी घोषणा ही साबित हुआ और इंडस्ट्री के हाथ पिछले साढे चार सालों में कुछ नहीं मिला।
फेडरेशन आफ इंडस्ट्रीयल एवं कमर्शियल आर्गनाइजेशन फीको के प्रधान गुरमीत सिंह कुलार ने कहा कि इंडस्ट्री को पांच रुपये प्रति यूनिट बिजली देने का वायदा किया गया था। लेकिन कुछ बड़े युनिट्स को छोड़कर जरूरतमंद एमएसएमई इंडस्ट्री को पांच रुपये प्रति यूनिट नहीं मिल पाई। इसके साथ ही पंजाब में सस्ती बिजली तो दूर की बात अभी इंडस्ट्री को समय पर पर्याप्त बिजली नहीं मिल पा रही। ऐसे हालात इंडस्ट्री के आज से पहले कभी देखने को नहीं मिले हैं। माैजूदा समय में लुधियाना की इंडस्ट्री बिजली संकट से जूझ रही है।
यह भी पढ़ें-Punjab Power Crisis: लुधियाना में मिलने लगी पावर कट से राहत, बाहरी इलाकों में अभी भी परेशानी
पर्याप्त बिजली भी नहीं दे पा रही सरकार
सरकार सस्ती बिजली न दे पाने के साथ साथ पर्याप्त बिजली भी नहीं दे पा रही। इसके साथ ही पंजाब में इंडस्ट्री को सिंगल विंडो देने के वायदे भी खोखले साबित हुए हैं और इंडस्ट्री को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। मिक्सलैंड यूज इलाकों को भी रेगुलर नहीं किया जा रहा। इससे वर्ष 2023 में बिना विकल्प के इंडस्ट्री को यहां से उठाने की योजना है। ऐसे में सरकार वायदे करने से पहले इन्हें पूरा करने के लिए भी प्रण लें। पंजाब उद्योग इन समस्याओं के चलते ग्रोथ नहीं कर पा रहा।
यह भी पढ़ें-Punjab Power Crisis: पंजाब में कोयले की कमी से नहीं, कमजाेर मैनेजमेंट के कारण आया बिजली संकट: सुखबीर