नई शिक्षा नीति लोक विरोधी, इससे ग्रामीण क्षेत्रों में लड़कियों के कालेज खत्म होने का खतराः तरसेम
लुधियाना में पंजाब एजुकेशनिस्ट फोरम के सदस्यों ने शुक्रवार को मिल्लरंगज के रामगढ़िया कालेज में कार्यक्रम आयोजित किया। इस दौरान नई शिक्षा नीति(एनईपी) पर चर्चा की। इस दौरान सदस्यों ने नई शिक्षा नीति संबंधी कई जगह सुझाव भी मांगे।
लुधियाना, जेएनएन। नई शिक्षा नीति(एनईपी) लोक विरोधी, गरीब विरोधी और सांप्रदायिक है। यह बात पंजाब एजुकेशनिस्ट फोरम के सदस्यों ने कही। उन्होंने नई शिक्षा नीति संबंधी कई जगह सुझाव भी मांगे। इस संबंध में फोरम के सदस्यों ने पंजाब सरकार को सुझाव भेजे थे, जिसके बाद सुझाव पर गौर करते हुए प्रिंसिपल सेक्रेटरी उच्च शिक्षा राहुल भंडारी और स्पेशल सेक्रेटरी सुरेश कुमार के साथ सदस्यों ने चर्चा की। मीटिंग में जो भी चर्चा की गई, उसे पंजाब एजुकेशनिस्ट फोरम के सदस्यों ने शुक्रवार को मिल्लरंगज के रामगढ़िया कालेज में आयोजित कार्यक्रम में जानकारी दी।
फोरम के तरसेम बहिया, डा. सुरजीत सिंह और डा. कुलदीप सिंह कलसी ने कहा कि एनईपी के एक सुझाव के मुताबिक तीन हजार से कम गिनती वाले शिक्षण संस्थानों का बंद करने की बात कही गई है, जिससे ग्रामीण और गर्ल्स के कालेज खत्म होने का खतरा है। इस सुझाव पर अधिकारियों ने कहा है कि उक्त दोनों हितों को ध्यान में रखा जाएगा। सरकारी कालेजों में प्रिंसिपल्स और सहायक प्रोफेसर्स की खाली पोस्टों को शीघ्र भरे जाने का आश्वासन दिलाया।
एकल फैकल्टी कालेजों को बंद करने की बात पर एक हाई पावरड कमेटी का गठन करने की बात कही है। पंजाब एजुकशनिस्ट फोरम के सदस्यों ने भी किसानों के समर्थन की बात कही है। फोरम ने इस दौरान उच्च शिक्षा के प्राइवेट संस्थानों को नियंत्रित करने के लिए एक उच्च एजुकेशन रेगुलेटरी कमिशन बनाने की मांग की है। इस दौरान रामगढ़िया एजुकेशनल कैंसिल के प्रधान रंजोध सिंह, कालेज प्रिंसिपल डा. इंद्रजीत कौर कलसी भी शामिल थी।