पंजाब चुनाव 2022: कांग्रेस ने पुरानों पर चला दांव, लुधियाना में सभी विधायकों और हारे उम्मीदवारों को मिली टिकट
Punjab Chunav 2022ः शहर के अलावा जिले की घोषित अन्य चार सीटों में से दो में वर्तमान विधायक और दो पराजित उम्मीदवार या उनके परिवार को टिकट दी गई। पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह के पोते व पूर्व मंत्री गुरकीरत सिंह कोटली को फिर खन्ना से उतारा है।
भूपेंदर सिंह भाटिया, लुधियाना। Punjab Chunav 2022ः वही हुआ, जिसका अनुमान था। कांग्रेस को लुधियाना जिले में कोई नया मजबूत दावेदार नहीं मिला। कांग्रेस ने सभी पुराने उम्मीदवारों और पिछले चुनाव में हारने वालों पर रही अपना दांव खेला। जिले की 14 में से 9 विधानसभा क्षेत्रों के लिए कांग्रेस ने टिकटों की घोषणा की, जबकि पांच की दावेदारी अभी विचाराधीन है। लुधियाना शहर की बात करें तो सात विधानसभा सीटों में से पांच की घोषणा की गई।
पांच में से चार वर्तमान विधायक लुधियाना उत्तरी से राकेश पांडे, लुधियाना सेंट्रल से सुरिंदर डावर, लुधियाना पश्चिम से भारत भूषण आशु और लुधियाना पूर्वी से संजय तलवाड़ शामिल हैं। इसके अलावा आत्मनगर से पिछली बार पराजित रहे कमलजीत सिंह कड़वाल पर पार्टी ने एकबार फिर दांव खेला है। हालांकि आशु और डावर की सीट पहले ही पक्की मानी जा रही थी, जबकि संजय तलवाड़ को पंजाब प्रदेश कांग्रेस प्रधान नवजोत सिद्धू और मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी का समर्थन प्राप्त था। राकेश पांडे की टिकट दांव पर थी, लेकिन उन्होंने अपनी टिकट फिर हासिल कर ली।
कामिल और कड़वाल को चुनावी रैली में सिद्धू ने की थी टिकट की घाेषणा
शहर के अलावा जिले की घोषित अन्य चार सीटों में से दो में वर्तमान विधायक और दो पराजित उम्मीदवार या उनके परिवार को टिकट दी गई। पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह के पोते व पूर्व मंत्री गुरकीरत सिंह कोटली को फिर खन्ना से और पायल के विधायक लखबीर सिंह लक्खा को उनके क्षेत्र से ही उम्मीदवार बनाया गया है। जबकि पिछले चुनाव में दाखा से हार का सामना करने वाले कैप्टन संदीप संधू और रायकोट से पराजित डा. अमर सिंह (वर्तमान सांसद) के बेटे कामिल अमर सिंह को टिकट दी गई है। खास बात यह है कि कामिल और कड़वाल को चुनावी रैली में पंजाब प्रदेश कांग्रेस प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू ने पहले ही टिकट देने की घोषणा कर दी थी।