Budget 2020 : मशीन टूल उद्योग ने वित्त मंत्री से लगाई पूंजीनिवेश बढ़ाने की गुहार Ludhiana News
उद्यमियों का मानना है कि इंडस्ट्री में तकनीक को प्रोत्साहित करने इनोवेशन प्रॉडक्ट डवलपमेंट अनुसंधान और पूंजी का प्रवाह बढ़ाने की जरूरत है।
लुधियाना [राजीव शर्मा]। आम बजट की तैयारी शुरू हो गई है। पंजाब के मशीन टूल उद्योग को भी बजट से खासी उम्मीदें हैं। उद्यमियों का मानना है कि इंडस्ट्री में तकनीक को प्रोत्साहित करने, इनोवेशन, प्रॉडक्ट डवलपमेंट, अनुसंधान और पूंजी का प्रवाह बढ़ाने की जरूरत है। इस दिशा में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को कदम उठाने होंगे, ताकि यह उद्योग बाजार की मांग के अनुसार अपडेट हो सके और विदेशी चुनौतियों का मुकाबला कर सके।
उद्यमियों के अनुसार प्रदेश में मशीन टूल के करीब आठ सौ यूनिट्स हैं। इनमें सालाना लगभग 3500 करोड़ रुपये का कारोबार हो रहा है। करीब 20 इकाइयों की टर्नओवर दो-दो सौ करोड़ से अधिक है। पचास इकाइयों की टर्नओवर सौ करोड़ से अधिक है। सौ इकाइयों का सालाना कारोबार 50 करोड़ से अधिक है। अन्य इकाइयां भी सालाना करोड़ों में कारोबार कर रही हैं। तकनीक में पिछड़ने के कारण अब यहां के निर्माता भी विदेशी मशीनों के ट्रेडर बनने की राह पर अग्रसर हैं। उनको नई दिशा दिखाने की जरूरत है।
उद्योगों को मिले सस्ता कर्ज
मशीन टूल उद्योग की हालत काफी खस्ता है। यह उद्योग ऑटो सेक्टर की छाया में है। सरकार बजट में उदारता से सस्ती ब्याज दरों पर ऋण मुहैया कराए। जीएसटी में भी उद्योग का वर्किग केपिटल काफी अटका है। सरकार को एक माह में जीएसटी देते हैं, जबकि बाजार से पेमेंट छह से नौ माह में आती है।
छोटे उद्योगों के लिए बढ़े फंड
मशीन टूल उद्योग पारंपरिक ढंग से ही चल रहा है। सरकार बजट में रिसर्च एंड डवलपमेंट सेंटर, विदेश से नई तकनीक लाने के रास्ते आसान बनाए। उत्पादों को विकसित करने के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर देना होगा। सरकार ऐसे प्लेटफार्म तैयार करे जिन पर चीन, ताईवान से तकनीक ट्रांसफर हो।
छोटी इंडस्ट्री के लिए कॉमन प्लेटफार्म बने
छोटी इंडस्ट्री संसाधनों की कमी के कारण तकनीक एवं इनोवेशन पर ज्यादा फोकस नहीं कर पा रही है। इससे उद्यमी लगातार पिछड़ रहे हैं। सरकार को चाहिए कि बजट में छोटे उद्योगों के लिए नए उत्पाद विकसित करने, अनुसंधान को प्रोत्साहित करने और लागत को कम करने के लिए कॉमन प्लेटफार्म बनाए। कलस्टर स्कीम को इंडस्ट्री की जरूरत अनुसार ही आगे बढ़ाया जाए। इंडस्ट्री को विश्वस्तरीय बनाया जाए।
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