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Punjab Budget 2020: पर्यटन के लिए 447 करोड़ का प्रावधान, Hotel Industry में आएगी रौनक

वित्त मंत्री मनप्रीत बादल ने पर्यटन को प्रोत्साहित करने के लिए 447 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। साथ ही स्वदेश दर्शन स्कीम में सौ करोड़ रुपये का फंड रखा गया है।

By Sat PaulEdited By: Published: Sat, 29 Feb 2020 03:15 PM (IST)Updated: Sun, 01 Mar 2020 07:59 AM (IST)
Punjab Budget 2020: पर्यटन के लिए 447 करोड़ का प्रावधान, Hotel Industry में आएगी रौनक
Punjab Budget 2020: पर्यटन के लिए 447 करोड़ का प्रावधान, Hotel Industry में आएगी रौनक

लुधियाना, जेएनएन। पंजाब के अगामी वित्त वर्ष के बजट में वित्त मंत्री मनप्रीत बादल ने पर्यटन को प्रोत्साहित करने के लिए 447 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। साथ ही स्वदेश दर्शन स्कीम में सौ करोड़ रुपये का फंड रखा गया है। होटल उद्यमियों का मानना है कि पर्यटन को बढ़ावा देने का सीधा असर होटल कारोबार पर होगा, लेकिन इस उद्योग की पुरानी दिक्कतों को बजट में नजरअंदाज कर दिया गया। होटल कारोबारियों का मानना है कि उनको औद्योगिक सुविधाएं मिलने की दरकार थी, लेकिन मायूसी ही साथ लगी।

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रोडमैप बनाकर काम करें तो मिलेंगे बेहतर परिणाम

होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ पंजाब के प्रधान अमरवीर सिंह का कहना है कि सूबे में मेडिकल टूरिज्म समेत पर्यटन को प्रोत्साहित करने की अपार संभावनाए हैं। बजट में हालांकि पर्यटन के लिए करीब साढ़े चार सौ करोड़ एवं स्वदेश दर्शन स्कीम में सौ करोड़ का प्रावधान किया है, लेकिन सूबे में इससे भी अधिक किया जा सकता है। उनका कहना है कि पर्यटन को बढ़ाने से बेरोजगारी भी दूर की जा सकती है। इस दिशा में सरकार माहिरों, होटल प्रतिनिधियों एवं अफसरों की कमेटी बना कर बकायदा रोड मैप बना कर काम करे तो बेहतर परिणाम हासिल किए जा सकते हैं।

बजट से थी उम्मीद, लेकिन मिली निराशा

होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ पंजाब के महासचिव दविंदर बीर नंदा ने कहा कि सरकार ने 1996 में होटल को उद्योग घोषित किया था। तब से लेकर अब तक उद्यमी उद्योग की सुविधाएं पाने के लिए सरकार के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन अभी तक मिल नहीं पाई हैं। बजट में इसे लेकर उम्मीद थी। सरकार ने इस मुद्दे पर निराश किया है। उनका कहना है कि उद्योग की सुविधाएं मिलने पर होटल कारोबार सूबे में पनपेगा और सरकार के राजस्व में भी इजाफा होगा।

होटल उद्यमियों को‍ मिल रही महंगी बिजली

होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन के मुख्य सलाहकार अमरजीत सिंह ने कहा कि हालांकि सूबे में होटल उद्योग की श्रेणी में है, बावजूद इसके होटलों से बिजली का व्यवासिक टैरिफ लिया जा रहा है। साफ है कि होटल उद्यमियों को बिजली महंगी मिल रही है। इससे होटलों की ऑपरेशनल कॉस्ट अधिक आ रही है। बजट में उम्मीद थी कि सरकार इस मुद्दे पर साकारात्मक रुख अपनाएगी। लेकिन बजट में होटलों को इस तरह की राहत नहीं दी गई।

नए-नए प्रयोग करने की जरूरत

होटल कारोबारी सुरिंदर बतरा ने कहा कि सूबे में होटलों को प्रोत्साहित करने के लिए नए नए प्रयोग करने की जरूरत है। सूबे में व्यापारिक, धार्मिक एवं एतिहासिक पर्यटन को बढ़ावा देकर होटल उद्योग को भी बूस्ट किया जा सकता है। इसके लिए बजट में प्रयास होने चाहिए थे।

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