लुधियाना के मत्तेवाड़ा इंडस्ट्रियल पार्क का विराेध, NGT मानिटरिंग कमेटी के चेयरमैन से की मुलाकात
पब्लिक एक्शन कमेटी के सदस्य जसकरण सिंह व कपिल कुमार ने बताया कि उन्होंने चेयरमैन को बताया कि यह पार्क सतलुज के बाढ़ संभावित क्षेत्र में बनाया जा रहा है। इसके अलावा इस इंडस्ट्रियल पार्क में टैक्सटाइल इंडस्ट्री के साथ डाइंग इंडस्ट्री को भी स्थापित किया जा रहा है।
जागरण संवाददाता, लुधियाना। पंजाब सरकार ने मत्तेवाड़ा में बनने वाले मार्डन इंडस्ट्रियल पार्क को शुरू करने की कवायद शुरू कर दी है वहीं पर्यावरण का हवाला देकर पार्क का विरोध करने वाली कमेटी ने भी अपनी सगर्मियां बढ़ा दी है। कमेटी के सदस्य इंडस्ट्रियल पार्क शुरू न हो इसके लिए अलग-अलग स्तर पर दरवाजा खटखटा रहे हैं। मंगलवार को कमेटी के सदस्यों ने सतलुज व्यास के लिए एनजीटी की तरफ से गठित मानिटरिंग कमेटी के चेयरमैन रिटायर जस्टिस जसबीर सिंह से मुलाकात की और उन्हें मत्तेवाड़ा में बनने जा रहे इंडस्ट्रियल पार्क के ड्राबैक बताए। कमेटी सदस्यों के तथ्य सुनने के बाद चेयरमैन ने उन्हें भरोसा दिलाया कि इस पर गंभीरता के साथ विचार किया जाएगा और इस बारे में प्रशासन से पूरी रिपोर्ट ली जाएगी।
पब्लिक एक्शन कमेटी के सदस्य जसकरण सिंह व कपिल कुमार ने बताया कि उन्होंने चेयरमैन को बताया कि यह पार्क सतलुज के बाढ़ संभावित क्षेत्र में बनाया जा रहा है। इसके अलावा इस इंडस्ट्रियल पार्क में टैक्सटाइल इंडस्ट्री के साथ डाइंग इंडस्ट्री को भी स्थापित किया जा रहा है। डाइंग इंडस्ट्री बुड्ढा दरिया को नाले में बदल चुकी है और अब यह पार्क दरिया के बिल्कुल किनारे बनाया जा रहा है। जिससे सतलुज को गंदा करने की संभावना है। उन्होंने कहा कि गढ़ी फजल सतलुज के सबसे संदेवदनशील प्वाइंटों में से एक है। इसके बावजूद सरकार यहां इंडस्ट्रियल पार्क बनाने जा रही है।
उन्होंने यह भी कहा कि मत्तेवाड़ा पार्क का विरोध होने के कारण प्रशासन अब इसे कुमकलां इंडस्ट्रियल पार्क बालेने लग गया है। नाम बदलकर सरकार फिर से लोगों को गुमराह कर रही है। सदस्यों ने कहा कि अगर सरकार ने समय रहते इसे नहीं रोका तो इससे सतलुज के पानी को गंदा कर दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि अगर जरूरत पड़ी तो इसे रोकने के लिए कानूनी रास्ता अपनाना पड़े तो वह भी अपनाया जाएगा। उन्होंने बताया कि जहां जहां इंडस्ट्रियल पार्क बनते हैं वहां से प्रदूषित पानी निकलता है जोकि आसपास की नदियों को नुकसान पहुंचाता है।