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नई गलियों को तोड़कर बिजली के खंभे लगाने की जांच शुरू

जासं, खन्ना : शहर में नई गलियों को तोड़कर बिजली के खंभे लगाने के मामले की जांच शुरू हो गई है। यह जांच

By JagranEdited By: Published: Thu, 14 Dec 2017 03:00 AM (IST)Updated: Thu, 14 Dec 2017 03:00 AM (IST)
नई गलियों को तोड़कर बिजली के खंभे लगाने की जांच शुरू
नई गलियों को तोड़कर बिजली के खंभे लगाने की जांच शुरू

जासं, खन्ना : शहर में नई गलियों को तोड़कर बिजली के खंभे लगाने के मामले की जांच शुरू हो गई है। यह जांच भाजपा युवा मोर्चा के प्रदेश सचिव अनुज छाहड़िया द्वारा केंद्रीय शहरी विकास मंत्री से शिकायत के बाद शुरू हुई है। छाहड़िया ने कहा कि पंजाब के बिजली विभाग सचिव जांच करेंगे। बड़ी मुश्किल से केंद्र सरकार से खन्ना शहर के नवीनीकरण के लिए लाई गई Þ अमृत Þ योजना का बंदरबांट शुरू हो गया है। इसके अधीन शुरू हुए विकास कार्यों में बिजली के लिए 44 करोड़ का ठेका हुआ है। जिसके अधीन बिजली के खंभे, पुरानी तारें आदि बदलना शामिल है। उन्होंने अमृत योजना के प्रथम चरण में ही गड़बड़ी की आशंका जाहिर करते हुए सारे प्रशासन की आंखें बंद किए होने का आरोप लगाया है। छाहड़िया ने कहा कि योजना के पहले चरण में 44 करोड़ रुपए से होने वाले बिजली के नवीनीकरण के काम में बड़े घपले की आशंका है। इसमें ठीक और दोबारा बेचे जा सकने वाले बिजली के खंभे और बिजली की तारें बदली जा रही हैं। जहां खंभे बदले जा रहे हैं, वहां नई बनी गलियों को तोड़ा जा रहा है और उसकी जगह रिपेयर भी नहीं की जा रही है। इसके लिए कोई संबंधित प्रशासन भी ऐतराज नहीं कर रहा है। इसके पीछे कहीं दोबारा गलियों के टेंडर लगाने का लालच तो नहीं? जिससे योजना का पैसा गलत मंशा से खर्च हो रहा है। इसके लिए छाहड़िया द्वारा केंद्रीय शहरी विकास मंत्री व निगरानी कमेटी के साथ ही मुख्यमंत्री को भी लिखा गया है। जिस पर बिजली विभाग सचिव को जांच सौंपी गई है। छाहड़िया ने कहा कि पंजाब सरकार खुद कोई विकास कार्य करवा नहीं पा रही और यदि केंद्र सरकार प्रयास कर रही है तो राज्य सरकार के विभागों का आपस में तालमेल नहीं। जिससे जनता का पैसा और विकास प्रभावित हो रहे हैं। वह आगे भी इस योजना के सही तरह से लागू होने के लिए प्रयासरत रहेंगे। क्योंकि इस योजना पर ही शहर का काफी विकास टिका है। छाहड़िया के अनुसार ऐसा भी सुनने में आया है कि बिजली विभाग का ठेका किसी बड़े अधिकारी के रिश्तेदार के पास होने के कारण सारे अधिकारी चुप हैं। यदि ऐसा है तो इसकी भी जांच की मांग करते हुए उन्होंने इसे संवेदनशील विषय बताया।


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