गरीबी उन्मूलन योजना बनी मजाक : जो गरीबी रेखा के नीचे नहीं, उनके भी बन रहे नीले राशन कार्ड
गरीबी दूर करने के लिए उन परिवारों का नीला राशन कार्ड बन रहा है जो गरीबी रेखा के अधीन है। वहीं कई ब्लॉक में लोग नीले कार्ड बनाने में गड़बड़ी का आरोप लगा रहे है।
लुधियाना, [डीएल डॉन] : गरीबी दूर करने के लिए उन परिवारो का नीला राशन कार्ड बन रहा है, जो गरीबी रेखा के नीचे है। वही, कई ब्लॉको में लोग नीले कार्ड बनाने में गड़बड़ी का आरोप लगा रहे है। उनका कहना है कि जिन परिवारो का पैरवी और पहुंच नही है उन परिवारो का कार्ड ही बन रहा है। जबकि प्रदेश सरकार के निर्देश पर जिला फूड सप्लाई इंस्पेक्टर अपने-अपने ब्लॉक में सर्वे कर कार्ड बनाने के लिए आवेदन ले रहे है। लुधियाना में गरीबी उन्मूलन योजना के तहत करीब 3 लाख 85 हजार कार्ड धारक लाभ ले रहे हैं। वही फूड सप्लाई इंस्पेक्टर ब्लॉक स्तर पर नये कार्ड बनाने के लिए गरीब परिवारो से फार्म ले रहे है, तो पुराने कार्ड का अपडेट करने की प्रक्रिया भी कर रहे हैं। विभाग की ओर से करीब 225 इंस्पेक्टरो को इस कार्य पर लगाया गया है। अधिकारी बताते है कि शहर के 35 ब्लॉक में कार्ड बनाने की मुहिम तेज है। दो दर्जन इंस्पेक्टरो की टीम नये-पुराने कार्ड बनाने के लिए ब्लॉक में पड़ते वार्ड स्तर पर वर्क कर रहे हैं। इंस्पेक्टर वार्ड प्रतिनिधि पार्षद से मिलकर कैप लगाए जा रहे है। इसके तहत गरीबी रेखा से नीचे होने वाले परिवारो का फार्म जमा किया जाता है। फार्म कब तक भरा जाएगा इसकी सीमा अभी तय नही हुई है। अधिकारी बताते हैं कि जब विभाग को लगेगा कि अब फार्म लोग नही जमा कर रहे हैं तो अंतिम तारीख निर्धारित कर दी जाएगी। 1500 डिपुओं से हो रहा गेहूं वितरण
नीले कार्ड धारको को गेहूं वितरित करना शुरू
जिला फूड सप्लाई विभाग ने पुराने नीले कार्ड धारको को गेहूं वितरित करना शुरू कर दिया है। सभी इंस्पेक्टर अपने ब्लॉक में पड़ते करीब 1500 डिपुओ के माध्यम से गेहूं का वितरण करवा रहे हैं। गेहूं वितरण में पूरी पादर्शिता है ताकि जरा भी गड़बड़ी न हो। जिला फूड सप्लाई अधिकारी राकेश भास्कर ने बताया कि फूड सप्लाई मंत्री भारत भूषण आशु के निर्देशानुसार सभी पुराने कार्ड धारको को राशन वितरण पूरा होने के बाद नये फार्म को चेक कर कंप्यूटराइज्ड किया जाएगा और उसके बाद राशन वितरण का काम आरंभ होगा।
700 डिपो होल्डरो ने छोड़ा काम
जिला फूड सप्लाई विभाग की ओर से डिपो में इंस्पेक्टर के सामने राशन वितरण करवाने से करीब 700 डिपो होल्डरो ने काम करना छोड़ दिया। इनमें से तकरीबन डिपो होल्डर्स ने विभाग को लिखित रूप से आवेदन देकर काम करने से मना कर दिया और अपना लाइसेंस जमा कर दिया है। वही विभाग के शीर्ष अधिकारियो का कहना है कि अभी काफी डिपो होल्डर्स ने लाइसेंस जमा नही करवाया है। इनमें से कुछ डिपो होल्डर काम कर सकते है।
एक लाख 64 हजार लोगो को नही मिल रहा तीन साल से राशन
जिले के ब्लॉको में कार्ड कंप्यूटराइज्ड होने में गड़बड़ी के कारण करीब 1 लाख 64 हजार कार्ड धारको को राशन नही मिलने से लोग परेशान है। करीब तीन वर्ष पहले इन कार्डो को लॉक कर दिया गया था। इन उपभोक्तओ के पास कार्ड की कॉपी है। लेकिन वर्ष 2015-16 से राशन नही मिल रहा है। इन कार्ड धारको का आरोप है कि सरकार तीन वर्ष से गरीबी रेखा के अधीन रहने वाले परिवारो को राशन नही दे रही है जो अन्याय है। पुराने कार्ड लेकर अब वार्ड पार्षद के पास जा रहे है कि वे अपने स्तर पर गरीब परिवारो को राशन दिलवाने के लिए नई योजना में अपडेट करवा दे। 170 लोगो ने लगाई कार्ड अपडेट करने की अर्जी
दो दशको से रह रहे लोग, नही बना नीला कार्ड
वार्ड 30 निवासी नंदलाल ने कहा कि वे लोग दो दशक से स्थानीय निवासी है। गरीबी से परिवार की हालत दयनीय है और नीला कार्ड नही बना, जिससे राशन नही मिल रहा। रामसमुझ ने कहा कि उनके क्षेत्र में कार्ड बनाने का कैप नही लगा है जिससे सैंकड़ो गरीब परिवार गरीबी रेखा के अधीन किसी तरह जिदगी जी रहे है। आशा रानी ने पार्षद जसपाल सिंह ग्यासपुरा से निवेदन किया कि वे नये राशन कार्ड बनवाने के लिए इसी शिव मंदिर परिसर में कैप लगवा दे ताकि गरीब फैमली का कार्ड बन जाए। जिन इलाको में कार्ड बनाने का सर्वे हो गया है वहां के लोग आरोप लगा रही है कि कुछ इलाके में नये कार्ड बनाने या पुराने कार्ड अपडेट करने के लिए टीम आई ही नही है। ऐसे में गरीबी उन्मूलन की सोचना महज कल्पना ही साबित होगी।
नीला कार्ड बनाने का काम जारी
जिला फूड सप्लाई अधिकारी राकेश भास्कर ने कहा कि गरीबी रेखा के नीचे आने वाले परिवारो का नीला राशन कार्ड बन रहा है। सभी ब्लॉको में इंस्पेक्टरो की ड्यटी लगी है। जिन गरीब परिवारो का कार्ड नही बना है, वे अपने ब्लॉक इंस्पेक्टर के पास फार्म जमा करवा दे, ताकि कार्ड बन सके।