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जब कैडेट्स के टैंटों में लगे कंबल ढूंढने..

मेरे कॉलेज समय के कई ऐसे किस्से हैं जिसे आज भी जब मैं याद करती हूं तो हंसने लग जाती हूं। बेशक स्कूल-कॉलेज हर किसी के लिए यादगार रहता है पर मैं अपने कॉलेज समय को अब भी बहुत मिस करती हूं।

By Edited By: Published: Sun, 16 Dec 2018 06:05 AM (IST)Updated: Sun, 16 Dec 2018 06:05 AM (IST)
जब कैडेट्स के टैंटों में लगे कंबल ढूंढने..
जब कैडेट्स के टैंटों में लगे कंबल ढूंढने..
मेरे कॉलेज समय के कई ऐसे किस्से हैं जिसे आज भी जब मैं याद करती हूं तो हंसने लग जाती हूं। बेशक स्कूल-कॉलेज हर किसी के लिए यादगार रहता है पर मैं अपने कॉलेज समय को अब भी बहुत मिस करती हूं। बात वर्ष 1983 की है जब भीमताल (नैनीताल) में लगे एनसीसी एडवांस लीडरशिप कैंप में मैं और मेरे साथ कैडेट्स पंजाब का प्रतिनिधित्व कर रहे थे, क्योंकि कैंप ऑल इंडिया स्तर का रहा। चूंकि कैंप के दौरान रात में टैंट में रहना पड़ता था। एक दिन मैं और मेरी सहेली ने देखा कि हमारा कंबल चोरी हो गया है। बिना कंबल रात गुजारना बेहद मुश्किल था। दोनों ने योजना बनाई कि रात के समय जब अन्य टैंट में रह रहे कैडेट्स बॉन फायर व होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रम के लिए जाएंगे तो हम सभी टैंट में जाकर अपना कंबल ढूंढेंगे। ऐसा करते-करते असम राज्य का टैंट आया। हम दोनों दोस्तों ने सोचा कि हमारा कंबल भी किसी ने ले लिया है तो हम भी दूसरों का कंबल ले लेते हैं। इससे कौन सा पता चलेगा। जैसे ही हमने असम राज्य वाले कैडेट्स के टैंट में घुसकर कंबल उठाना चाहा तो कंबल के नीचे सो रही लड़की शोर मचाने लगी। हमने उस लड़की को शांत कराया और यहां तक माफी भी मांगी फिर उसे सारी बात बताई। अगले दिन सुबह जब सारी बात हमने कैंप इंचार्ज को बताई तो उन्होंने कहा कि आपको यह करना ही नहीं चाहिए था क्योंकि जब सभी टैंट वालों ने अपने कंबल जमा कराने थे, उस समय दो कंबल सरप्लस ही निकलते थे। हमारी कंबल ढूंढने वाली बात को सुनकर सभी कैडेट्स जोर से हंसने लगे। टीचिंग करियर मेरे टीचर करियर की शुरुआत वर्ष 1990 से जम्मू के आर्मी पब्लिक स्कूल से इंग्लिश टीचर के तौर पर हुई। इसके बाद धर्मशाला के सेक्रेड हार्ट स्कूल, पटियाला के बुढ्डा दल पब्लिक स्कूल, गुरदासपुर के आर्मी स्कूल, हिसार के विद्या देवी जिंदल स्कूल, पुणे के हचिंस स्कूल में भी पढ़ाया है। लुधियाना के एमजीएम पब्लिक स्कूल में प्रिंसिपल रही हूं। इसके बाद वर्ष 2010 से अब तक गुरु नानक पब्लिक स्कूल में प्रिंसिपल के तौर पर अपनी सेवाएं दे रही हूं। - मोना सिंह, प्रिंसिपल, गुरु नानक पब्लिक स्कूल ----राधिका----------

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