Coronavirus Effect: पंजाब के घरेलू बाजार में काेराेना संकट के चलते आइटी उत्पादों की किल्लत, कीमत में उछाल
Coronavirus Effectकारोबारियों का मानना है कि देश में मैन्युफैक्चरिंग बेस मजबूत करके ही आइटी उत्पादों की विदेशों पर निर्भरता को कम किया जा सकता है। इसके लिए सरकारी स्पोर्ट अनिवार्य है। देश में आइटी मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने के लिए इंडस्ट्री फ्रेंडली नीतियां बनानी होंगी।
लुधियाना, [राजीव शर्मा]। Coronavirus Effect: इंफार्मेशन टेक्नोलाजी (आइटी) से जुड़े लगभग तमाम उत्पादों का चीन व ताइवान से आयात किया जा रहा है। कोविड महामारी एवं चीन के साथ चली तनातनी के कारण आयात काफी धीमा हो गया है। कारोबारी दावा करते हैं कि पिछले साल कोविड महामारी से पहले की तुलना में अब आयात केवल 20 फीसद ही हो रहा है। नतीजतन बाजार में आइटी उत्पादों की भारी किल्लत है। इसके चलते कीमतों में भी 40 फीसद तक का उछाल दर्ज किया जा रहा है।
कारोबारियों का मानना है कि देश में मैन्युफैक्चरिंग बेस मजबूत करके ही आइटी उत्पादों की विदेशों पर निर्भरता को कम किया जा सकता है। इसके लिए सरकारी स्पोर्ट अनिवार्य है। देश में आइटी मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने के लिए इंडस्ट्री फ्रेंडली नीतियां बनानी होंगी। कारोबारियों का तर्क है कि कोविड में आनलाइन का ट्रेंड काफी बढ़ गया है। ऐसे में आइटी उत्पादों की बाजार में जबरदस्त मांग है। ऐसे में लैपटाप, कंप्यूटर, प्रिंटर, वेब कैम इत्यादि की बाजार में उपलब्धता काफी कम है। यदि किसी ने इकट्ठा माल उठाना है तो उसे 10 से 15 दिन की वेटिंग मिल रही है।
घरेलू स्तर पर उत्पादन कर दूर होगी समस्या
पंजाब कंप्यूटर ट्रेडर्स एसोसिएशन के प्रधान गुरप्रीत सिंह का कहना है कि आइटी उत्पादों के मामले में देश सौ फीसद ही विदेशों पर निर्भर है। आयात में कमी और घरेलू बाजार में मांग अधिक होने से डिमांड एवं सप्लाई में भारी गैप बन गया है। इसके अलावा आइटी उत्पादों के पुर्जे भी मांग के अनुसार नहीं मिल रहे हैं। गुरप्रीत सिंह ने कहा कि इस समस्या का समाधान घरेलू स्तर पर उत्पादन शुरू करके किया जा सकता है। इस सेक्टर से जुड़े अखिल भारतीय संगठन की बीस मार्च को लखनऊ में बैठक हो रही है।
मेक इन इंडिया से बूस्ट होगा सेक्टर
इंफार्मेशन एंड टेक्नोलाजी काउंसिल के प्रधान नवीन बामा का कहना है कि बाजार में लैपटाप, प्रिंटर एवं आइटी पुर्जाें की किल्लत है। 20 ही उत्पादों का आयात किया जा रहा है। इससे मांग पूरी नहीं हो पा रही है। सरकार ने अपने ई-मार्केट पोर्टल जेम से चीन ओरिजन की कंपनियों को डि-लिस्ट किया है। ये कंपनियां अब पोर्टल पर भी माल नहीं बेच पा रही हैं। उनका भी यही मानना है कि अब तेजी से देश में ही आइटी मैन्यूफैक्चरिंग तकनीक लाकर मेक इन इंडिया के तहत देश में ही उत्पादन करके इस सेक्टर को बूस्ट किया जा सकता है।