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दाखा उपचुनाव के कारण चढ़ा रहा छपार मेले में राजनीतिक पारा, ऐसे चलाए पार्टियों ने एक-दूसरे पर तीर

छपार मेले में आयोजित की गई राजनीतिक कांफ्रेंसों में दाखा उपचुनाव से राजनीतिक गर्मी चढ़ी रही। सभी दलों ने एक-दूसरे पर जमकर वार किए।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Sat, 14 Sep 2019 09:58 AM (IST)Updated: Sat, 14 Sep 2019 05:19 PM (IST)
दाखा उपचुनाव के कारण चढ़ा रहा छपार मेले में राजनीतिक पारा, ऐसे चलाए पार्टियों ने एक-दूसरे पर तीर
दाखा उपचुनाव के कारण चढ़ा रहा छपार मेले में राजनीतिक पारा, ऐसे चलाए पार्टियों ने एक-दूसरे पर तीर

छपार [भूपेंदर सिंह भाटिया]। लुधियाना और संगरूर की सीमा पर स्थित मालवा के ऐतिहासिक छपार मेला हमेशा से ही राजनीतिक पार्टियों का केंद्र बिंदु रहा है। गुग्गा पीर स्थान पर लगने वाले इस मेले में हालांकि इस बार वह रौनक देखने को नहीं मिली, जो दशकों से दिखती रही है। पंजाब के सभी राजनीतिक दलों ने अपने अलग-अलग पंडाल लगाकर ग्रामीणों को आकर्षित करने का प्रयास किया, लेकिन इस बार मेलेे की रौनक शिरोमणि अकाली दल लूटकर ले गया।

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प्रशासन की मदद से कांग्रेस ने आयोजन तो बड़ा किया, लेकिन स्टार नेताओं की कमी के कारण वहां भीड़ नहीं जुट सकी। दूसरी ओर सुखबीर बादल और बिक्रम सिंह मजीठिया ने अपनी कांफ्रेंस में उमड़ी भीड़ देख उत्साह में दाखा उपचुनाव के लिए मनप्रीत सिंह अयाली को उम्मीदवार बनाने की घोषणा कर दी। हालांकि उपचुनाव को लेकर उम्मीदवारों की अधिकारिक घोषणा होनी बाकी है, लेकिन छपार मेले में सफल कांफ्रेंस करवाने वाले मनप्रीत अयाली की तारीफ करते हुए सुखबीर ने कहा कि दाखा विधानसभा क्षेत्र खुशकिस्मत है, जो मनप्रीत जैसा उन्हें नेता मिला है। अब उसे मौका दें और पिछली बार की तरह इस बार भी वह दाखा को खूबसूरत विधानसभा क्षेत्र बना देंगे।

उधर, कांग्रेस ने भी वर्करों को एकजुट होकर उपचुनाव लड़ने को कहा और आम आदमी पार्टी ने भी घोषणा कर दी कि दाखा में उनका कब्जा रहा है और वह इस उपचुनाव में जोरशोर से उतरेंगे। हालांकि इस बार लोक इंसाफ पार्टी ने कांफ्रेंस का आयोजन नहीं किया, लेकिन पार्टी ने पंजाब के पानी के मुद्दे को आधार बनाकर किसानों में पैठ बनाने का प्रयास किया। लिप ने मेले के दौरान पंजाब के पानी के लिए लोगों से पीआइएल पर हस्ताक्षर अभियान चलाया। उनका दावा था कि पिछले लोकसभा चुनाव में पार्टी ने दाखा विधानसभा क्षेत्र से सबसे ज्यादा वोट हासिल किए थे और उपचुनाव में भी यह सीट उनकी होगी।

सुखबीर बादल ने कहा कि कांग्रेस ने ढाई साल के कार्यकाल में पंजाब को बर्बाद कर दिया। कोई नई योजना शुरू तो नहीं की, लेकिन बड़े बादल साहब (प्रकाश सिंह बादल) द्वारा शुरू की गई कई योजनाओं को भी बंद कर दिया। कैप्टन को आड़े हाथ लेते हुए सुखबीर ने कहा कि चुनाव से पहले खूब दुष्प्रचार किया गया कि अकाली नशा बेचते हैं। अब तो उनकी सरकार है, अब क्यों नहीं रुक रहा नशा। सुखबीर ने दावा किया कि उप चुनाव में अकाली दल सभी सीटें जीतेगी।

उपचुनाव के लिए शिअद के पास नहीं कोई मुद्दा: कांग्रेस

उधर, पंजाब के सेहत और परिवार भलाई मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू ने कांग्रेस की कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार ने अपने ढाई साल के कार्यकाल दौरान जो जनहित के काम किए हैं, उससे शिरोमणि अकाली दल के पास उपचुनाव के लिए कोई मुद्दा नहीं बचा है। मुद्दाहीन हुई इस पार्टी के नेता अब सोच रहे हैं कि वे लोगों की कचहरी में किस मुद्दे को लेकर जाएंगे।

बलबीर ने कहा कि किसी समय पंजाब पर 40 हजार करोड़ रुपये का कर्ज था, लेकिन अकाली भाजपा सरकार की गलत नीतियों के कारण यह कर्ज 2.25 लाख करोड़ रुपये हो गया था। परंतु कैप्टन सरकार ने सत्ता में आते ही सूबे को आर्थिक पक्ष से मजबूत करने के साथ-साथ चुनावी वादे पूरे करने को प्राथमिकता दी। उन्होंने विधान सभा क्षेत्र दाखा के विकास पक्ष से पिछडऩे के लिए आप के पूर्व विधायक एचएस फुलका को दोषी ठहराया। सांसद रवनीत सिंह बिट्टू ने वर्करों से आह्वान किया कि वे एकजुटता दिखाते हुए आगामी विधानसभा उप चुनाव में हलका दाखा से कांग्रेस उम्मीदवार को अधिक से अधिक वोटों के साथ जिताएं।

बादल-कैप्टन तीसरी पीढ़ी को लांच कर रहे हैं : भगवंत मान

आम आदमी पार्टी (आप) के प्रदेश प्रधान और सांसद भगवंत मान ने कहा कि एक तरफ कर्जे के भारी बोझ के कारण किसानों और खेत मजदूरों की चौथी पीढ़ी आत्महत्याएं करने के लिए मजबूर हो गई है, वहीं दूसरी तरफ कैप्टन अमरिंदर सिंह और प्रकाश सिंह बादल अपनी तीसरी पीढ़ी के दोहते-पोतियों को राजनीती में 'लांच' करने में लगे हुए हैं। कैप्टन और बादल को अपने वारिसों की तरह किसानों का ख्याल होता तो पंजाब में इतने बदतर हालात न होते। मान ने कहा कि बेरोजगारी ही नशे की जड़ है।

भगवंत मान ने कैप्टन अमरिंदर सिंह को घेरते कहा कि ढाई सालों में कैप्टन ने अपने 129 पन्नों के चुनावी मेनिफेस्टो की 29 लाइनें भी पूरी नहीं की। प्रसिद्ध रंग-कर्मी और बुद्धिजीवी मेघराज रल्ला और संगरूर के यूथ अकाली नेता जगसीर सिंह सीरा भनभौरा अपने साथियों के साथ आम आदमी पार्टी में शामिल हुए। नेता प्रतिपक्ष हरपाल सिंह चीमा, विधायक प्रिंसिपल बुद्ध राम, विधायक सरबजीत कौर माणूंके, विधायक मनजीत सिंह बिलासपुर, विधायक कुलतार सिंह संधवां, विधायक कुलवंत सिंह पंडोरी, कोर समिति मेंबर कुलदीप सिंह धालीवाल, जमील-उर-रहमान, बलजिन्दर सिंह चौंदा उपस्थित थे।

साडा पानी, साडा हक : लिप

लोक इंसाफ पार्टी के प्रमुख व विधायक सिमरजीत बैंस ने कहा कि उनकी पार्टी ने छपार मेले में सियासी कांफ्रेंस न कर पंजाब के पानी के अधिकार की रक्षा के लिए काम किया। इस क्रम में पार्टी ने छपार मेले के दौरान हस्ताक्षर मुहिम चलाई और लोगों को पंजाब के पानी की ङ्क्षचता से अवगत करवाया। इस मुहिम को भारी जनसमर्थन मिल रहा है। पार्टी पानी को लेकर पूरे पंजाब में मुहिम चलाएगी और लोगों को जागरूक करेगी। इस मौके पर पार्टी वर्कर हाथों में तख्तियां लेकर बैठे थे, जिस पर साडा पानी, साडा हक लिखा हुआ था।

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