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मकसूदा थाना ब्लास्ट : विदेश कनेक्शन खंगाल रही पुलिस, रमन व शेरा से हो सकती है पूछताछ

जालंधर के मकसूदा थाने के ब्लास्ट को लेकर खुफिया विभाग ने जेल में बंद कथित आतंकियों पर भी नजर रखी हुई है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 22 Sep 2018 02:02 PM (IST)Updated: Sat, 22 Sep 2018 02:02 PM (IST)
मकसूदा थाना ब्लास्ट : विदेश कनेक्शन खंगाल रही पुलिस, रमन व शेरा से हो सकती है पूछताछ
मकसूदा थाना ब्लास्ट : विदेश कनेक्शन खंगाल रही पुलिस, रमन व शेरा से हो सकती है पूछताछ

अर्शदीप समर, लुधियाना : जालंधर के मकसूदा थाने के ब्लास्ट को लेकर खुफिया विभाग ने जेल में बंद कथित आतंकियों पर भी नजर रखी हुई है। मामले को सुलझाने के लिए पुलिस ने कई थ्योरियों पर काम शुरू कर दिया है। जालंधर और लुधियाना में हत्याएं करने वाले खालिस्तान लिब्रेशन फोर्स के आतंकियों ने भी विदेश में बैठे आतंकी संगठनों के कहने पर वारदातों को अंजाम दिया था। पुलिस सूत्रों के मुताबिक मकसूदा थाने के ब्लास्ट में भी विदेशी ताकतों का हाथ हो सकता है।

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इसी के चलते जेलों में बंद कथित आतंकियों केएलएफ चीफ हरमिंदर सिंह मिंटू, हरदीप सिंह शेरा और रमनदीप सिंह को जल्द ही पूछताछ के लिए लाया जा सकता है, ताकि जाच के दौरान हमले को लेकर कोई सुराग मिल सके। खालिस्तान लिबरेशन फोर्स ने भी पंजाब में माहौल खराब करने के लिए जालंधर और लुधियाना को टारगेट किया था। केएलएफ के आतंकियों ने सबसे पहले आरएसएस नेता जगदीश गगनेजा की गोली मार हत्या कर दी थी।

उसके बाद उन्होंने लुधियाना व उसके आसपास की जगहों पर जाकर छह लोगों को निशाना बनाया। एक से दूसरी वारदात को अंजाम देने के लिए यह आतंकी दो से तीन महीने का समय लेते थे, ताकि इस दौरान टारगेट करने वाले व्यक्ति की रेकी कर सके। मकसूदा थाने पर हमले के बाद भिंडरावाला टाइगर फोर्स ऑफ खालिस्तान ने एक चिट्ठी जारी कर इसकी जिम्मेवारी ली, लेकिन पुलिस अधिकारियों का मानना है कि विदेश में बैठे आतंकी संगठनों का भी इसमें हाथ है। इसके चलते विदेशों से आने वाले कॉल व इंटरनेट पर भी नजर रखी जा रही है। सात हत्याओं के मामले में मुख्यारोपित थे

केएलएफ के चीफ हरमिंदर सिंह मिंटू, हरदीप सिंह शेरा और रमनदीप सिंह पंजाब में होने वाली सात हत्याओं के मामले के मुख्यारोपित थे। इस मामले में शेरा और रमन ने मोटरसाइकिल पर सवार होकर सभी की हत्या की थी। इस दौरान विदेश में बैठे आतंकी संगठनों के नेताओं से शेरा और रमन ही बातचीत करते थे। इसके लिए कनाडा में बैठे आतंकियों से बातचीत करने के लिए आरोपितों ने इंटरनेट का प्रयोग किया था।


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