ई-चालान: Manually Register वाहन मालिकों को ट्रेस करने में परेशानी, सीपी बोले-निकालेंगे हल Ludhiana News
लुधियाना में ई- चालान उन वाहन मालिकों को भेजे जा रहे हैं जिनका डाटा आरटीए दफ्तर व वाहन-4 एप द्वारा ऑनलाइन उपलब्ध कराया गया है।
लुधियाना, [राजन कैंथ]। ई-चालान सिस्टम शुरू करने के साथ भले ही लुधियाना पंजाब का पहला ऐसा जिला बन गया, जहां नियमों का उल्लंघन करने पर ऑनलाइन चालान काट पोस्ट के माध्यम से वाहन चालक के घर भेजा जा रहा है। यह चालान उन वाहन मालिकों को भेजे जा रहे हैं, जिनका डाटा आरटीए दफ्तर व वाहन-4 एप द्वारा ऑनलाइन उपलब्ध कराया गया है। मेन्युअली रजिस्टर्ड हुए वाहन मालिकों को ट्रेस करने में अभी भी पुलिस को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
स्मार्ट कार्ड आरसी वाले सभी वाहन रजिस्टर्ड
हालांकि वाहन-4 एप में स्मार्ट कार्ड आरसी वाले सभी वाहन रजिस्टर्ड हैं। इसके अलावा भी उसमें बहुत सारा डाटा स्टोर किया गया है, मगर उसके बावजूद ऐसे वाहनों की बहुत बड़ी संख्या है, जो मेन्युअली रजिस्टर्ड थे और वाहन-4 एप में अपलोड नहीं हुए। ऐसे वाहन ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रीडर (एएनपीआर) के रडार पर आते ही उसकी फोटो क्लिक होकर ट्रैफिक पुलिस कंट्रोल रूम में पहुंच जाती है, मगर उसका ऑनलाइन रिकाॅर्ड न होने के कारण उसके मालिक का पता लगाने में दिक्कत पेश आ रही है। फिलहाल तीसरे दिन 100 चालान कटे।
प्रोसेस में लग जाता है लंबा समय
जो वाहन ऑनलाइन रजिस्टर्ड नहीं हैं। उनके मालिक का पता आरटीए विभाग के साथ तालमेल करके लगाया जा सकता है, मगर उसका प्रॉसेस बेहद लंबा है, जिसके लिए आरटीए विभाग को वाहन का नंबर लिख कर भेजा जाता है। आरटीए उस वाहन के मालिक का नाम व पता उपलब्ध कराता है, जिसके बाद वाहन के मालिक को स्पीड पोस्ट से चालान भेजना संभव हो सकता है। इस सारे प्रॉसेस में काफी समय लग जाता है। ऐसे में वाहन दूसरे जिले अथवा दूसरे राज्य का होगा तो उसके लिए और ज्यादा समय लगेगा।
टूटी नंबर प्लेट वालों के भी कटेंगे चालान
शहर में अभी सैकड़ों ऐसे वाहन हैं, जिनकी पीछे वाली नंबर प्लेट है ही नहीं। कई वाहनों की नंबर प्लेट तो है, मगर वो इस तरह से टूटी हुई होती है कि उनका नंबर पढ़ पाना मुमकिन ही नहीं होता। डीसीपी ट्रैफिक एसएस बराड़ ने कहा कि बिना नंबर प्लेट चलने वाले वाहनों के अलग से चालान काटे जाएंगे। यातायात नियम सबके लिए एक समान हैं।
सीपी ने भी माना, बोले-निकालेंगे हल
पुलिस कमिश्नर राकेश अग्रवाल ने माना कि मेन्युअली रजिस्टर्ड व्हीकल को ट्रेस करने में दिक्कत तो आएगी, मगर समय के साथ उसका भी हल निकाला जाएगा। फिलहाल पुलिस के पास जो रिकार्ड उपलब्ध है, उसके मुताबिक ही नियम तोड़ने वालों को चालान भेजे जा रहे हैं। उसी से ट्रैफिक व्यवस्था में काफी सुधार आने की उम्मीद है।
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