काेराेना संकट का दिख रहा असर, लुधियाना में युवक को 60 रुपये का बल्ब दो हजार में पड़ा
किताब बाजार के पास बिजली मार्केट में एक युवक को बल्ब खरीदना काफी महंगा पड़ गया। काेराेना संकट के चलत शहर में पुलिस ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं।
लुधियाना, [अर्शदीप समर]। किताब बाजार के पास बिजली मार्केट में एक युवक को बल्ब खरीदना काफी महंगा पड़ गया। दरअसल, युवक का घर सलेम टाबरी इलाके में है। वहा उसे बल्ब महंगा मिल रहा था तो दोस्त ने उसे सलाह दी कि बिजली मार्केट में सामान होलसेल रेट पर मिलता है। युवक एक्टिवा पर निकल पड़ा। बिजली मार्केट में पहुंचते ही वहा एक्टिवा दुकान के बाहर लगाकर अंदर बल्ब लेने चला गया। तभी पुलिस ने मार्केट में गश्त करनी शुरू कर दी और नो पार्किग में खड़े वाहनों को जब्त करना शुरू कर दिया।
इसी बीच युवक का भी पुलिस ने एक्टिवा उठा लिया। जब युवक 60 रुपये का बल्ब लेकर बाहर आया तो उसने देखा कि उसका एक्टिवा पुलिस रिक्शे पर ले जा रही है। उस युवक ने भागकर पीछा किया और थाने पहुंच गया। उसे करीब दो हजार रुपये जुर्माना भरना पड़ा। आखिर में उसे यह बल्ब दो हजार में पड़ा।
कोरोना टेस्ट न बाबा न..
कोरोना ने लोगों का लाइफ स्टाइल बदल दिया है। इसकी वजह से रिश्तों में दूरिया भी आ रही हैं। ताजा किस्सा दुगरी इलाके का है। एक परिवार में शादी समारोह था। बुजुर्गो ने फैसला किया कि अगर कोई भी रिश्तेदार बाहर से शादी समारोह में शामिल होगा तो उसे कोरोना का टेस्ट करवाना पड़ेगा, क्योंकि इससे सबसे ज्यादा खतरा बुजुर्ग लोगों को है। इस फैसले से परिवार के सदस्यों को परेशानी का सामना करना पड़ा।
उन्होंने अन्य जिलों से आने वाले रिश्तेदारों से इसके लिए आग्रह किया तो परिवार की शर्त को उन्होंने मानने से इन्कार कर दिया। कई रिश्तेदार शादी में आए ही नहीं, क्योंकि वे कोरोना टेस्ट करवाने से डरते थे। कुछ रिश्तेदार शादी समारोह में अपनी कोरोना टेस्ट की रिपोर्ट भी साथ लेकर आए। इसकी इलाके में काफी चर्चा रही। हालाकि बरातियों ने भी माना कि टेस्ट करवाने के बाद वे खुद को सुरक्षित मान रहे थे।
चोर की खांसी से दहशत
लोगों में कोरोना को लेकर काफी दहशत है। मोहल्ले में कोई हल्की सी खासी करे या यह बताए कि उसे दो दिन से बुखार है तो लोग समझते हैं कि उसे कोरोना हो सकता है। जरूरी नहीं है कि हर खासी-बुखार कोरोना के कारण ही हो। वह वायरल भी हो सकता है। ताजा मामला पुलिस कर्मियों से जुड़ा है।
पुलिस ने चोरी करने के वाले एक गिरोह को पकड़ा। पूछताछ के लिए सीआइए स्टाफ की टीम उन्हें ले आई ताकि आरोपितों से वारदातें कबूल करवाई जा सकें और चोरी का सामान बरामद किया सके। मगर पूछताछ शुरू होते ही एक चोर ने जोर-जोर से खासी करनी शुरू कर दी। बस फिर क्या था, सभी पुलिस मुलाजिम डर गए कि कहीं उसे कोरोना तो नहीं है। उन्होंने पूछताछ बंद की और उसे सिविल अस्पताल में ले जाकर कोरोना का टेस्ट करवाया। बाद में पता चला कि चोर को कोरोना नहीं था।
प्रदर्शन अब फेसबुक पर
कोरोना की दस्तक से पहले विपक्ष के नेता सरकार को घेरने के लिए पूरा जोर लगाते थे। किसी न किसी मुद्दे पर चौक में या मिनी सचिवालय के बाहर पंजाब सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करते थे। वहीं विधानसभा 2022 के चुनाव नजदीक आ रहे हैं तो वे अब भी सरकार को घेरने के लिए तैयार रहते हैं।
हालाकि कोरोना उनकी इस प्लानिंग पर पानी फेर रहा है। वह इसलिए क्योंकि विपक्ष के नेता यदि इस समय सरकार की गलत नीतियों के खिलाफ धरना-प्रदर्शन के लिए कार्यकर्ताओं को बुलाते हैं तो कोरोना के डर से कार्यकर्ता इकट्ठा ही नहीं होते। अगर कुछ कार्यकर्ता आ भी जाएं तो प्रदर्शन के बाद पुलिस सरकार के दवाब में उन पर शारीरिक दूरी का नियम तोड़ने का मामला दर्ज कर देती है। इस पर अब अधिकतर नेताओं ने फेसबुक और अन्य सोशल साइट्स पर ही सरकार के खिलाफ प्रचार कर घेरना शुरू कर दिया है।