सीपी राकेश अग्रवाल ने जगाया तो मुलाजिमों ने डंडा उठाया
कई बार शहर में गलत हो रहा हो तो पुलिस उसे देखकर भी अनजान बनी रहती है।
लुधियाना (राजन कैंथ): कई बार शहर में गलत हो रहा हो तो पुलिस उसे देखकर भी अनजान बनी रहती है। उसका ध्यान तो सिर्फ अपनी जेब गर्म करने पर ही लगा रहता है। उसे तब कुछ दिखता है, जब ऊपर से अधिकारियों की लाठी चलती है। पहले पुलिस को शहर में अतिक्रमण, जुगाड़ू तीनपहिया रेहड़े, शराब की अवैध भट्ठिया, भिखारी और अवैध लॉटरी की दुकानें नहीं दिखती थीं, मगर सीपी राकेश अग्रवाल के आते ही वो सब नजर आ गया। उन्होंने जब इन मामलों में कार्रवाई के निर्देश जारी किए तो पुलिस को भी सब कुछ दिखने लग गया। धड़ाधड़ कार्रवाई शुरू हुई। कुछ ऐसा ही इस बार कर्फ्यू में रात को खुले शराब के ठेकों के मामले में भी हुआ। धड़ल्ले से शराब बिकती रही, मगर पुलिस को नजर नहीं आई। फिर हाल ही में सीपी ने जब कार्रवाई के आदेश दिए तो मुलाजिमों की नींद खुली और अपना डंडा उठा लिया।
ट्विटर का कमाल और भयभीत पुलिस
सोशल नेटवìकग साइट ट्विटर ने शिकायतकर्ताओं को नई दिशा दे दी है। इससे पुलिस अधिकारी भी भयभीत नजर आ रहे हैं। दरअसल, पहले लोग शिकायतों को लेकर पुलिस कमिश्नर दफ्तर के चक्कर काटते थे। बाद में जाच के नाम पर फाइल को एक से दूसरे अधिकारी तक पहुंचने में भी कई दिन लग जाते थे। कुछ समय पहले पुलिस कमिश्नर राकेश अग्रवाल ने ही ट्विटर पर लोगों से खुद को कनेक्ट करके वहीं पर शिकायत देने के लिए प्रेरित किया। अब शिकायतकर्ता सीपी को शिकायत देने की बजाय डीजीपी पंजाब को करने लगे हैं। शिमलापुरी निवासी नाबालिगा की जब किसी ने नहीं सुनी तो उसने डीजीपी को शिकायत दी। इसे देखते ही पुलिस कमिश्नर ने उसे अगले दिन आकर मिलने के लिए कहा, लेकिन तब तक ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर ने ट्वीट करके बताया कि वह शिकायत एसीपी को मार्क कर दी गई है। इसे कहते हैं ंट्विटर का जोर।
सूटबूट में ढूंढने निकलते हैं शिकार
कुछ महीने पहले पुलिस ने शहर को भिखारियों से मुक्त करने के लिए मुहिम छेड़ी, लेकिन वह ठुस्स हो गई। आजकल शहर में भीख मागने वालों ने अपना हुलिया बदल लिया है। उनका भीख मागने का तरीका भी ऐसा है कि कोई उन्हें पैसे देने से मना नहीं कर सकता। ऐसे लोग शाम होने पर सूट-बूट पहन कर निकलते हैं। उनके साथ एक महिला और एक बच्चा भी होता है। कंधे पर पिट्ठू बैग उठाए वे निकल पड़ते हैं। उनका निशाना शहर के वो इलाके या शॉपिंग मॉल्स के बाहर का एरिया होता है, जहा शाम को ज्यादातर बड़े लोग घूमने के लिए आते हैं। अपने शिकार को देखते ही वे लोग उसके पास जाकर कहते हैं कि वे दूसरे राज्य से आए हैं, उनकी जेब कट गई है। लौटने के लिए किराया नहीं है। उनकी बातें सुनकर लोग सौ से लेकर हजार रुपये तक भी दे देते हैं।
बधाइयां भी और नाराजगी भी
लुधियाना से सासद रवनीत सिंह बिट्टू को काग्रेस पार्टी की ओर से लोकसभा में डिप्टी व्हिप बनाए जाने के बाद शहर में काग्रेस समर्थकों के बीच खुशी की लहर दौड़ गई। सोशल मीडिया पर उन्हें बधाइया देने वालों का ताता लग गया, मगर शहर में एक ऐसा तबका भी है जो काग्रेस पार्टी से नाराज तो है ही, साथ ही उसमें सासद रवनीत बिट्टू की कारगुजारियों को लेकर बेहद रोष है। अब उन लोगों ने सोशल नेटवìकग साइट्स पर तरह-तरह के पोस्ट बनाकर डालने शुरू कर दिए हैं। एक संस्था ने लिखा है कि जो सासद अपने क्षेत्र का सुधार नहीं कर पाया, वह लोकसभा में पार्टी के लिए क्या करेगा? ग्यासपुरा इलाके की सड़कों का बेहद बुरा हाल है, यह सासद की लापरवाही का प्रमाण है। उन्होंने व्हिप (डब्ल्यूएचआइपी) की फुल फॉर्म लिखते हुए कहा है इसका मतलब है- वही है इरादे पक्के.. तिनका भी नहीं तोड़ेंगे।